लेखाकारों के खेल से गायत्री के डेढ़ लाख रुपये लापता
बेसिक शिक्षा विभाग के लेखाकारों की अंधेरगर्दी. जनसूचना से भी धनराशि का नहीं चल सका पता.
अयोध्या: बेसिक शिक्षा विभाग के खेल निराले हैं। यहां मुख्यालय से लेकर ब्लॉक स्तर पर तैनात कई लेखाकार इस हद तक लापरवाही बरतते हैं, जिसका खामियाजा कदम-कदम पर शिक्षकों को भुगतना पड़ता है। इसी तरह के कृत्य की शिकार अध्यापक गायत्री त्रिपाठी हैं। उनके वेतन से जीपीएफ के तकरीबन डेढ़ लाख रुपये काट तो लिए गए, लेकिन धनराशि कहां और किस खाते में जमा है, इसका पता नहीं चल पा रहा है। गायत्री ब्लॉक से लेकर मुख्यालय तक लेखाकारों का चक्कर लगाते-लगाते जब थक गईं तो जनसूचना अधिकार कानून का सहारा लिया। पर इसमें भी उन्हें मायूसी ही मिली। गायत्री दो वर्ष से इस रकम की खोजबीन में जुटी हैं।
गायत्री त्रिपाठी 2015-16 में पूराबाजार ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर तैनाती थीं, इसी दौरान उनके वेतन से तकरीबन एक साल तक दस हजार रुपए तथा तीन माह तक 20-20 हजार रुपये जीपीएफ के रूप में काटे गए। इस बीच उनका तबादला रुदौली हो गया। गायत्री ने रुदौली में भी 20 हजार रुपए की कटौती का आवेदन किया तो यहां के लेखाकार ने पुरानी कटौती की स्लिप मांगी। इसी के बाद गायत्री ने कटौती की गईं धनराशि का पता लगाना शुरू किया, जो अब भी जारी है। उनका कहना है कि वह अब थक गई हैं। इस बारे में विभागीय अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। शिक्षक संघ के अध्यक्ष नीलमणि त्रिपाठी इस तरह के भ्रष्टाचार से पर्दा उठाने की मांग करते हैं। साथ ही जीपीएफ जैसे अहम मद में काटी गई धनराशि को खाते में पोस्ट न करने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग भी करते हैं।