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सीएए के खिलाफ महिलाओं ने खोला मोर्चा

जागरण संवाददाता इटावा हाथों में लहराता तिरंगा जुबान पर सीएए और एनआरसी के विरोध में नारे। सदर कोतवाली और पचराहा के बीच स्थित मेडिकल केयर सेंटर के बाहर व्यस्त मार्ग का नजारा मंगलवार को दोपहर बाद यकायक बदल गया। आसपास की बस्तियों की सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में मोर्चा खोलते हुए डेरा डाल दिया। शीतलहर में जब कंपकपी छूट रही है तब महिलाओं

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 10:03 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 06:05 AM (IST)
सीएए के खिलाफ महिलाओं ने खोला मोर्चा
सीएए के खिलाफ महिलाओं ने खोला मोर्चा

जागरण संवाददाता, इटावा : हाथों में लहराता तिरंगा, जुबान पर सीएए और एनआरसी के विरोध में नारे। मंगलवार की दोपहर सदर कोतवाली और पचराहा के बीच स्थित मेडिकल केयर सेंटर के बाहर व्यस्त मार्ग का नजारा ऐसा हो गया। आसपास की बस्तियों की सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में मोर्चा खोलते हुए डेरा डाल दिया। शीतलहर में जब कंपकपी छूट रही है तब महिलाओं को सत्याग्रह खत्म करने को मनाने में प्रशासन पसीना-पसीना हो रहा है। सोमवार की रात में शास्त्री चौराहा पर दो दिन से जारी कांग्रेस के सत्याग्रह को खत्म कराकर प्रशासन राहत की सांस भी नहीं ले सका था और उसके सामने महिलाओं ने नई चुनौती पेश कर दी।

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सदर कोतवाली से चंद कदमों की दूरी पर सड़क पर महिलाओं ने बच्चों के साथ मानव श्रृंखला बनाई और सड़क पर ही नमाज अदा की। युवाओं ने मार्ग के दोनों तरफ से यातायात रोकने की कमान संभाली। सत्याग्रह अपराह्न दो बजे शुरू हुआ और देर रात तक जारी था। देर शाम सपा जिलाध्यक्ष गोपाल यादव सहित सपा नेताओं ने अनशन स्थल पर पहुंचकर समर्थन किया। इस बीच सपा नेताओं की पुलिस से नोंक-झोंक हुई। प्रशासन के काफी मान-मनोव्वल के बावजूद महिलाओं ने खुले अंदाज में अल्टीमेटम दे दिया है कि जब तक केंद्र सरकार सीएए, एनआरसी को वापस नहीं लेगी, वे डिगने वाली नहीं हैं।

सत्याग्रह में पचराहा, भूरा मोहल्ला, कस्साब खाना, चमरैटी सहित आसपास की कई बस्तियों की महिलाएं और बच्चे इस आंदोलन में शामिल थे। महिलाओं में परवीन अंसारी, मनतसा अंसारी, इकरा, नाजिया, सुबुल अंसारी, शबनम, नीलो, नाजरीन आदि सैकड़ों महिलाएं बैठी रहीं। एसएसपी नगर रामयश, सिटी मजिस्ट्रेट सत्येंद्र शुक्ला, सीओ सिटी वैभव पांडेय, तहसीलदार एन. राम महिलाओं को समझाने के लिए पहुंचे। वे सत्याग्रह शुरू होने से लेकर देर शाम तक महिलाओं को सत्याग्रह खत्म करने के लिए समझाते-मनाते रहे लेकिन महिलाएं अपने फैसले पर अडिग थीं।


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