बेमौसम बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, सर्दी बढ़ी
जागरण संवाददाता इटावा करीब दो माह बाद बारिश होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया वातावरण म
जागरण संवाददाता, इटावा : करीब दो माह बाद बारिश होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया, वातावरण में सर्दी बढ़ गई। बीते रविवार को अपराह्न से रुक-रुककर बेमौसम बारिश होने का सिलसिला सोमवार सुबह पांच बजे तक चला जिससे समूचे जनपद में 11 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। किसानों के अनुरूप बारिश किसी को फायदा तो किसी को नुकसान हुआ जबकि कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक नुकसान आंशिक जबकि फायदा ज्यादा हुआ है। बारिश से शहर में कई जगह जलभराव होने से आवागमन प्रभावित हुआ। बिजली से एक मकान क्षतिग्रस्त हुआ तो करंट लगने से एक श्रमिक ने जान गंवायी। कुल मिलाकर बेमौसम बारिश से कहीं खुशी तो कहीं गम के हालात हुए हैं।
कड़कड़ाती बिजली और तेज हवा के साथ बारिश का सिलसिला बीते दिवस अपराह्न साढ़े तीन बजे शुरू हुआ था, जिससे शहर में थाना फ्रेंड्स कालोनी क्षेत्र के अंतर्गत ऋषिपुरम कालोनी में सत्यवीर जाटव के मकान पर बिजली गिरी जिससे लेंटर बुरी तरह चटककर काफी हिस्सा गिर गया, घर में लोग लकड़ी के तख्त पर बैठे थे जिससे बाल-बाल बच गए जबकि घर में बिजली के उपकरण व अन्य उपयोगी वस्तुएं नष्ट हो गई। शहर में कई जगह बिजली ठप हो गई, तो निचले क्षेत्र में कई जगह जलभराव होने से आवागमन करना दुश्वार हो गया।
ओवरब्रिज तले बना तालाब
बेमौमस बारिश से शहर में बरेली हाईवे पर भरथना चौराहा के पास आगरा-कानपुर हाईवे ओवरब्रिज तले पानी भरने से तालाब सा नजर आया। दो पहिया वाहन सवारों को मुश्किल से पुल करना पड़ रहा था। कई सवार चार पहिया वाहनों के तेजी से निकाले जाने से गंदे पानी से तरबतर हुए। यही हालत इसी हाईवे पर ग्राम उदयपुरा के पास स्थित डीएफसीसी द्वारा निर्मित मालगाड़ी रेलवे ओवरब्रिज तले नजर आए।
आलू में पानी लगाने वाले किसान परेशान
बेमौसम में अगैती के आलू तैयार करने वाले वे किसान ज्यादा परेशान नजर आए जिन्होंने एक दिन पूर्व ही निजी संसाधन से पानी लगाया था। दूसरी ओर वे किसान भी दुखी थे जिनका अभी तक पका हुआ धान कट नहीं पाया। ऐसा धान गीला होने से कटाई कई दिनों तक के लिए प्रभावित हो गई। जिला कृषि अधिकारी अभिनंदन सिंह का कहना है कि मुश्किल से 20 फीसद से धान की फसल कटाई के लिए शेष रह गई है जिसकी कटाई आगामी तीन-चार दिन होना मुश्किल है।
अब पराली खेतों में ही सड़ा ले
उप कृषि निदेशक डॉ. एके सिंह का कहना है कि बारिश से पराली गीली हो चुकी है इसलिए प्रति एकड़ दो-ढाई किलो यूरिया खाद अभी फेंककर इसे खेत में ही सड़ा लें। रबी की फसल के लिए खेत तैयार करने के लिए इसे खेत में जोत दें इससे खेत की मिट्टी की उर्वरक शक्ति बढ़ेगी।
रबी की फसल के लिए बारिश वरदान
यह बेमौसम बारिश रबी की फसल के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इससे खेतों में भरपूर नमी आ गई है, अब मौसम साफ रहेगा जिससे किसानों को खेत तैयार करने में मदद मिलेगी। अगैती के आलू की फसल में उनका कोई नुकसान नहीं होगा जिनके बीज के किल्ला निकल आए हैं। गेहूं, सरसो, चना, मटर अन्य फसलों की तैयारी करने वाले किसानों के लिए यह बारिश काफी फायदेमंद है।
डॉ. एसएन सुनील पांडेय
कृषि मौसम वैज्ञानिक