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निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज का जाल गिरा,पांच मजदूर दबे

संवाद सहयोगी भरथना (इटावा) दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन पर कंधेसी फाटक संख्या 21सी के समीप

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 06:31 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 07:22 PM (IST)
निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज का जाल गिरा,पांच मजदूर दबे
निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज का जाल गिरा,पांच मजदूर दबे

संवाद सहयोगी, भरथना (इटावा) : दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन पर कंधेसी फाटक संख्या 21सी के समीप निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज का लोहे का साढ़े छह मीटर ऊंचे पिलर का लोहे का जाल (कालम) अचानक गिरने से पांच मजदूर दबकर घायल हो गए। उनको 2 घंटा 10 मिनट चले रेस्क्यू के बाद निकाल कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भेजा गया, जहां से गंभीर रूप से घायल एक मजदूर को जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया। कार्यदायी संस्था जीएसपीसील कंपनी द्वारा बनाए जा रहे रेलवे ओवरब्रिज के लिए तहसील की ओर से बने लोहे के दो जालनुमा (कालम) पिलर पर ठेके पर मजदूरों द्वारा कार्य कराया जा रहा था। दोनों पिलरों के अंदर तथा बाहर जाल में तार कसने का कार्य चल रहा था। अचानक दोनों लोहे के जालनुमा पिलर ढह जाने से उसमें कार्य कर रहे आधा दर्जन से अधिक मजदूरों में से पांच मजदूर जनपद बरेली के थाना भमोरा के ग्राम नगला नया निवासी सत्यपाल पुत्र लालचंद्र, सतीश पुत्र बाबूराम, वीरेश पुत्र नोरत पाल, श्यामबाबू पुत्र छेदालाल और योगेश पुत्र मायाराम लोहे के पिलर के अंदर फंस गए। इनमें श्यामबाबू और योगेश अन्य मजदूरों की मदद से सुरक्षित बाहर निकल आए। जबकि सतीश, वीरेश और सत्यपाल जाल के अंदर फंस गए। मजदूरों के फंसे होने की जानकारी जैसे ही स्थानीय प्रशासन को मिली तो थाना प्रभारी कृष्णलाल पटेल, एसएसआई दीपक कुमार सहित कंधेसी निवासी समाजसेवी दीपक तिवारी सहित अन्य ग्रामीण जाल के अंदर फंसे तीनों मजदूरों को बचाने में जुट गए। लेकिन जाल भारी होने के कारण उन्हें निकाल पाना मुश्किल नजर आ रहा था। तब थाना प्रभारी ने दमकल की टीम को मौके पर बुला लिया। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद लोहे के जाल को काटकर उसमें फंसे तीनों मजदूरों को निकालकर एंबुलेंस से सीएचसी भेजा गया। सतीश को गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। बाकी को प्राथमिक उपचार के बाद घर के लिए रवाना कर दिया गया। मजदूरों को नहीं दिए गए थे सुरक्षा उपकरण कार्यदायी संस्था द्वारा पिलरों के आसपास कोई सुरक्षा गाइडलाइन, न ही पट्टी और न ही मजदूरों को कोई सुरक्षा उपकरण दिए गए। अगर दोनों पिलरों को सेफ्टी गाइडलाइन से बांधा गया होता तो शायद हादसा नहीं होता। ग्रामीणों की मानें तो मौके पर पहुंचे रेलवे के आलाधिकारियों ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया। अपने साथी को जाल के अंदर फंसा देख काम कर रहे अन्य मजदूरों ने एकजुटता दिखाते हुए ब्लेड के माध्यम से लोहे के जाल के मोटे सरियों को काटकर उन्हें बाहर निकाला। बाहर निकलते ही सभी मजदूरों ने भगवान के साथ-साथ स्थानीय लोगों का शुक्रिया अदा किया। डीएफसी लाइन तथा दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग की एक ही रेलवे क्रासिग होने के चलते ग्रामीणों की मांग पर इस पुल का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। उपजिलाधिकारी विजय शंकर तिवारी ने घटना स्थल का निरीक्षण किया और कहा कि मामले में जो भी दोषी होगा उसका पता लगाकर कार्रवाई की जाएगी।

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