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डिपल ने हमेशा महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य किया

जागरण संवाददाता इटावा सपा की पूर्व सांसद डिपल यादव का जन्मदिवस महिला सभा द्वारा पार्टी कार्या

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 10:22 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 10:22 PM (IST)
डिपल ने हमेशा महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य किया

जागरण संवाददाता, इटावा : सपा की पूर्व सांसद डिपल यादव का जन्मदिवस महिला सभा द्वारा पार्टी कार्यालय पर जिलाध्यक्ष लीलावती राजपूत के नेतृत्व में धूमधाम से केक काटकर मनाया गया। इस अवसर लीलावती राजपूत ने कहा कि डिपल यादव ने हमेशा महिलाओं के उत्थान के लिए काम किया है। महिलाओं के कल्याण के लिए प्रयासरत रहीं। सपा सरकार में महिलाओं के चेहरे पर मुस्कान लेकर आयी थीं। शशि तिवारी, नेहा यादव, सुमन कुशवाहा, सरोज देवी मौजूद रहीं। संवाद सहयोगी, भरथना के अनुसार : पूर्व सांसद एवं सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिपल यादव का जन्मदिन शुक्रवार को नगर पालिका परिषद कार्यालय में हर्ष उल्लास के साथ मनाया और उनकी दीर्घायु की कामना की। नगर के सब्जी मंडी स्थित नगर पालिका कार्यालय में पालिका अध्यक्ष हाकिम सिंह, पूर्व राज्यमंत्री अशोक यादव, ब्लॉक प्रमुख हरिओम यादव, जिला पंचायत सदस्य मनोज यादव, सपा जिला अजय यादव, सपा नगर अध्यक्ष प्रताप सिंह वर्मा, राघवेंद्र गौतम, सभासद निहालुद्दीन, शिवराम यादव, टिकू यादव, मीनू दुबे ने केक काटा।

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आरोप से मुकरने पर वादी को मिली सजा

जागरण संवाददाता, इटावा : पुत्री की दहेज हत्या के आरोप से मुकरने पर आरोपित तो आरोपमुक्त हो गया लेकिन जनपद न्यायाधीश उमेश चंद्र शर्मा की नजर में वादी पक्षद्रोही प्रतीत हुआ। इसके तहत उसे सात दिन की कारावास तथा 500 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। इससे न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले पक्षद्रोही वादियों और गवाहों में कानून का भय व्याप्त हुआ।

जिला शासकीय अधिवक्ता शिव कुमार शुक्ला ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि 27 अगस्त 2017 को थाना सैफई क्षेत्र में रोशनी की संदिग्ध हालात में फांसी पर लटकने से मौत हो गई थी। उस समय रोशनी के पिता रविद्र सिंह ग्राम गड़रिया सैफई ने रोशनी के पति अमित उर्फ कालिया के खिलाफ दहेज में मोटर साइकिल न मिलने पर प्रताड़ित करते हुए पुत्री को फांसी पर लटकाकर मार डालने का अभियोग विभिन्न धाराओं में थाना सैफई में दर्ज कराया था। तत्कालीन सीओ सैफई ने मामले की विवेचना करके आरोपपत्र न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया। न्यायालय में साक्ष्य होने पर वादी रविद्र सिंह पूर्व के आरोप से मुकर गया और बयान दर्ज कराया कि पति-पत्नी प्रेम पूर्वक रह रहे थे जिस दिन घटना हुई उस दिन अमित बकरा बेचने बाहर गया हुआ था। इसी तरह अन्य गवाह भी मुकर गए। जनपद न्यायाधीश उमेश चंद्र शर्मा ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए निष्कर्ष निकाला कि वादी ने मिथ्या एफआइआर दर्ज कराई है। मिथ्या आधार पर किसी को फंसाना तथा झूठी गवाही देना गंभीर घटना है। इसके तहत ऐसे लोगों को दंडित किया जाना उचित है। इसी के तहत उपरोक्त सजा सुनाई।


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