सर्दियों में बढ़ सकता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
जासं इटावा सर्दी बढ़ने के साथ हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक दिमाग के मरीजों के लिए खतरनाक
जासं, इटावा: सर्दी बढ़ने के साथ हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक दिमाग के मरीजों के लिए खतरनाक है। इस सीजन में ब्रेन स्ट्रोक या दिमाग की नस फटने के मामले बढ़ जाते हैं। सबसे खास बात यह है कि मोटापे के शिकार, शुगर और उच्च रक्तचाप के मरीजों को ज्यादा खतरा रहता है। बेहतर होगा, सर्दी से बचाव करें। समय से इलाज मिलने पर मरीज की जान तो बच ही सकती है, साथ ही उसका प्रभाव भी कम हो सकता है। यह कहना है जिला अस्पताल के फिजीशियन डा. वीके साहू का।
उन्होंने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक होने पर पहला घंटा ही गोल्डन आवर माना जाता है। अगर मरीज शरीर के अंग को टेढ़ा कर रहा है, उसके देखने, सुनने व समझने की क्षमता प्रभावित हो गई हो तो फौरन डाक्टर के पास ले जाएं। उन्होंने बताया ब्रेन स्ट्रोक की समस्या होने पर एक घंटे के अंदर डाक्टर की देखरेख में इलाज शुरू हो जाता है, तो मरीज को गंभीर स्थिति में जाने से बचाया जा सकता है। डा. साहू ने कहा बुजुर्ग उच्च रक्तचाप हृदय रोगी सुबह-शाम सर्दी से बचाव करें और ब्लड प्रेशर चेक करते रहें क्योंकि बुजुर्गों को इस मौसम में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
कड़ाके की सर्दी में लक्षण
-उम्रदराज लोगों, युवाओं के सीने में दर्द की समस्या बढ़ना
-नसें सिकुड़कर सख्त बनने से ब्लड का फ्लो बढ़ना
-ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट अटैक होने का खतरा ज्यादा
-सर्दी में तनाव बढ़ने से ब्रेन स्ट्रोक का अंदेशा ज्यादा
क्या अपना सकते हैं उपाय
-दोपहिया सवार, कामकाजी लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत
-उच्च रक्तचाप रोगी सुबह-शाम अपना रक्तचाप परीक्षण अवश्य करें
-सामान्यत: रात में ब्लड प्रेशर बढ़ता, सोने से पहले ब्लड प्रेशर जांच लें
-बाहर जाते समय सर को ढक कर रखें, सही तरीके से गर्म कपड़े पहनें
-सुबह नहाने के समय ठंडे पानी को सर पर न डालें, पहले शरीर पर डालें
-डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, हृदय रोगी विशेष कर ध्यान रखें
-संतुलित आहार लें, सिगरेट शराब का सेवन बिल्कुल न करें
-नियमित व्यायाम व प्राणायाम करते रहें तनाव से दूर रहें।
-रोगी का शरीर या उसका कोई हिस्सा सुन्न पड़ जाए, हाथ पैर या अन्य अंग, बोलने में अक्षमता हो, आंख से साफ न दिखे तो तुरंत उसे अस्पताल ले जाएं देरी न करें
दो प्रकार के होते ब्रेन स्ट्रोक
ब्रेन स्ट्रोक दो प्रकार के होते हैं, पहला सिस्मिक स्ट्रोक होता है। इसमें दिमाग की नसों में रक्तप्रवाह किसी अवरोध के कारण रुक जाता है। दिमाग की नली में खून का थक्का जम जाने से भी ब्रेन हैमरेज हो जाता है। दूसरा प्रकार हैमरेजिक स्ट्रोक होता है। इसमें दिमाग की नस से रक्तस्त्राव होने लगता है। इसमें मरीज को लकवा मार जाता है। कई बार मरीज की मौत भी हो जाती है।