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रात का पारा लुढ़का,नहीं चमके सूर्यदेव

जागरण संवाददाता इटावा मौसम में निरंतर शीत बढ़ रही है बीते बुधवार से आसमान से छाए ब

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 07:46 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 07:46 PM (IST)
रात का पारा लुढ़का,नहीं चमके सूर्यदेव

जागरण संवाददाता, इटावा : मौसम में निरंतर शीत बढ़ रही है, बीते बुधवार से आसमान से छाए बादल गुरुवार को और ज्यादा घने छाए। इससे सारा दिन सूरज को संघर्ष करना पड़ा फिर भी भरपूर चमक नहीं दे पाए। सर्द हवा चलने से तापमान में गिरावट हुई इसके तहत सुबह न्यूनतम 13 तो दोपहर में अधिकतम 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम में परिवर्तन से जुकाम-बुखार के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। दूसरी ओर भरपूर धूप न निकलने से निचले क्षेत्र के खेतों भरा बारिश का पानी धरती में समा नहीं रहा है, इससे किसान फसलों को लेकर चितित नजर आए।

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सुबह आसमान में लालिमा छाई लेकिन बादलों ने तत्काल उसे दबा लिया, इस दौरान सर्द हवा की हल्की रफ्तार बढ़ गई जिससे वातावरण में सर्दी काफी बढ़ गई। इस दौरान सूरज बादलों से संघर्ष करते नजर आए जो बड़ी मुश्किल से दोपहर 12 बजे सूरज चमके लेकिन भरपूर धूप नहीं बिखेर पाए। इससे लोगों ने सारा दिन सर्दी का जमकर अहसास किया। रात में तो यह आलम था आधी रात को पारा 17 डिग्री पर था जो लगातार गिरने से सुबह पांच से सात बजे के मध्य 13 डिग्री पर रहा। इसके पश्चात बढ़ना शुरू हुआ जो अपराह्न दो से तीन बजे के मध्य 24

डिग्री पर पहुंचा, इसके बाद फिर से गिरने लगा इससे शाम सात बजे 19 डिग्री पर आ गया। इससे शाम होते ही सर्दी बढ़ने लगी।

निचले क्षेत्र में पानी बना मुसीबत

बीते रविवार को अपराह्न से सोमवार सुबह तक रुक-रुककर हुई बारिश से निचले क्षेत्र के खेतों में अभी तक पानी भरा हुआ है। इससे किसान परेशान हैं जो आसमान की ओर निहार रहे हैं ताकि सूरज लगातार चमके तब पानी समाप्त हो जिससे रबी की फसल की बोआई के लिए खेत तैयार कर सके। कुछ किसान निजी संसाधनों से पानी निकालने में जुटे हुए नजर आए।

आवागमन करना हुआ दुश्वार

सर्दी बढ़ने से लोगों का आवागमन करना दुश्वार हो गया है, रात में धुंध छाने से अधिकतर भारी वाहन चालक ढाबों पर वाहन खड़े करके सवेरा होने का इंतजार करते हैं। विवशता के तहत आवागमन करने वाले काफी सजगता से वाहन चलाते है, इसके बावजूद साइड देने से ओवरटेक करने के दौरान कच्ची पटरी पर टायर जाने पर वाहन फंस जाता है। बारिश से कई जगह कच्ची पटरी प्रभावित होने से अत्यधिक लोड वाहन सड़क से उतारे जाने पर फंस जाते हैं।


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