धोती पहने बाबा का अपमान करने पर स्टेशन अधीक्षक निलंबित Etawah News
गुरुवार को रिवर्स शताब्दी एक्सप्रेस में पहनावा देखकर चढऩे नहीं दिया गया था। पीआरओ बोलेप्रकरण को हैंडल नहीं कर पाए अधीक्षक विभाग की छवि पर नकारात्मक असर।
इटावा, जेएनएन। वैध टिकट होने के बाद भी बुजुर्ग रामअवधदास को अपमानित कर रिवर्स शताब्दी एक्सप्रेस में नहीं चढऩे देने के मामले में रेल प्रशासन सख्त हो गया है। इटावा जंक्शन पर गुरुवार को राष्ट्रपतिा महात्मा गांधी सी धोती और रबर की चप्पल पहने वृद्ध का उपहास उड़ाने और ट्रेन में बैठने से रोकने पर प्रभावी कार्रवाई करने में विफल स्टेशन अधीक्षक पूरनमल मीना को निलंबित कर दिया गया। हालांकि स्थानीय रेलवे अधिकारी चुप्पी साधे हैं।
उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अजीत कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि प्रयागराज मंडल अधिकारियों ने माना कि इससे रेलवे की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। मामले को स्टेशन अधीक्षक ठीक से हैंडल नहीं कर पाए इसी कारण उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस मामले में मुख्य वाणिज्य निरीक्षक ने भी प्रयागराज मंडल को रिपोर्ट दी है। उस दिन के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। इलाहाबाद मंडल एडीआरएम, आरपीएफ व कोच कंडक्टर की काउंसिङ्क्षलग करेंगे ताकि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।
कानपुर के स्टाफ से पूछताछ
बुजुर्ग के अपमान मामले में कानपुर सेंट्रल स्टेशन प्रशासन ने भी जांच तेज कर दी है। शनिवार को स्टेशन डायरेक्टर हिमांशु शेखर उपाध्याय ने घटना से संबंधित रेलवे स्टाफ से पूछताछ की। उन्होंने टीटीई रूपेश कुमार और आरपीएफ सिपाही दलबीर सिंह के बयान लिए। दोनों ही घटना के समय मौजूद बताए जा रहे हैं। रेलवे सूत्रों के मुताबिक शुरुआती जांच में स्टाफ ने यही बताया है कि बुजुर्ग जेनरेटर यान में चढ़े थे। उन्हें पीछे कोच में जाने को कहा गया, जिसे शायद वह पीछे आ रही ट्रेन समझ बैठे हालांकि अभी इन बयानों का परीक्षण किया जाना बाकी है।
अलग-अलग होंगी दो जांच
उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अजीत कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यालय स्तर से इस प्रकरण में जांच कराई जा रही है। रेलवे और आरपीएफ अलग-अलग जांच करेंगे। रेलवे की ओर सेसीनियर डीसीएम नवीन दीक्षित और आरपीएफ के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त अमरेश कुमार सिंह जांच करेंगे चूंकि रिवर्स शताब्दी कानपुर से चलती है और ट्रेन में आरपीएफ व कॉमर्शियल स्टाफ सेंट्रल रेलवे स्टेशन से ही जाता है इसलिए स्टेशन डायरेक्टर भी जांच कर रहे हैं। सीपीआरओ के मुताबिक त्रिस्तरीय जांच में पहले सभी संबंधित स्टाफ के लिखित बयान लिए जाएंगे। दूसरा, ट्रेन में लगे सीसीटीवी कैमरे की मदद ली जाएगी। यह जानने की कोशिश की जाएगी कि बुजुर्ग अपने कोच में चढ़े थे या जेनरेटर यान में। इसके बाद इटावा के स्टेशन मास्टर व अन्य स्टाफ से भी पूछताछ की जाएगी।
खंगाले जा रहे सीसीटीवी फुटेज
उन्होंने कहा कि मामले में मुख्य वाणिज्य निरीक्षक ने भी प्रयागराज मंडल को रिपोर्ट दी है। उस दिन के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं।
पुनरावृत्ति रोकने को काउंसिलिंग
इलाहाबाद मंडल के एडीआरएम आरपीएफ व कोच कंडक्टर की काउंसिलिंंग करेंगे ताकि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।
मची खलबली, स्थानीय अफसरों ने साधी चुप्पी
जांच में प्रयागराज मंडल के अधिकारियों की सक्रियता से लग रहा है कि वह रिवर्स शताब्दी के स्टाफ को संवेदनहीन मान रहे हैं। उच्चाधिकारी के निर्देशन में जांच की रफ्तार तेज है। बार-बार दिल्ली-प्रयागराज से उच्चाधिकारियों के फोन आने से स्थानीय अफसरों में बेचैनी बढ़ी है और वह चुप्पी साधे हैं।
कानपुर का स्टाफ था ऑन ड्यूटी
शताब्दी एक्सप्रेस में कोच अटेंडेंट नहीं होते हैं, इसमें कानपुर सेंट्रल का रेलवे स्टाफ तथा आरपीएफ का स्क्वाड चलता है। एक कोच कंडक्टर पर तीन कोच संभालने की जिम्मेदारी होती है। जांच के दौरान उच्चाधिकारी ने जानकारी ली तो पता चला कि उस दिन शताब्दी में कानपुर का स्टाफ ऑन ड्यूटी था। वृद्ध बाबा ने रेलवे और आरपीएफ स्टाफ को आरोपित किया है। इससे ड्यूटी पर तैनात अब कानपुर के टीटी और आरपीएफ स्टाफ से पूछताछ की जाएगी। शनिवार को जीआरपी सीओ रविकांत पाराशर ने भी स्टेशन मास्टर कक्ष में आकर अधीक्षक पीएम मीना से बात की।