छह और गोवंश की मौत,देखभाल पर उठे सवाल
संवादसूत्र ऊसराहार परौली रमायन की गोशाला से बेहतर देखभाल को लेकर ताखा भेजे गए 5
संवादसूत्र, ऊसराहार : परौली रमायन की गोशाला से बेहतर देखभाल को लेकर ताखा भेजे गए 58 गोवंश की समुचित देखभाल न होने से अब तक 10 गोवंश की मौत हो चुकी है। गोशाला संचालकों ने असलियत छिपाने को सड़कों और खेतों में विचरण कर रहे गोवंश पकड़कर गिनती पूरी कर ली। इस व्यवस्था से गोशालाओं के संचालन पर सवालिया निशान लग गया है। दो दिन में छह गोवंशों की मौत हो गई।
परौली रमायन से ताखा में 58 गोवंश को इस उम्मीद से शिफ्ट किया गया था कि ताखा में उनकी देखभाल ठीक से हो सकेगी। इसके लिए ताखा के मुरचा टांडेहार व ऊसराहार की गोशाला को चालू किया गया था। ऊसराहार में 30 तो मुरचा में 18 गोवंश रखे गए थे। बीते एक सप्ताह में ऊसराहार की गोशाला में दो गोवंश की मौत हो चुकी है, अब यहां 28 शेष बचे हैं जबकि मुरचा की गोशाला में अब तक आठ गोवंश दम तोड़ चुके हैं। इस गोशाला में संख्या पूरी रखने के लिए आसपास घूमने वाले 11 गोवंश को पकड़कर गोशाला में रख दिया गया है, इस तरह अब यहां पर संख्या 21 हो गई है। इसी गोशाला के समीप एक सप्ताह पहले गोवंश को दफन करने के लिए पांच गड्ढे एडवांस में खोद दिए गए थे अब उनमें दो दिन पहले मरने वाली पांच गाय को दफन कर दिया गया है। गोशाला में काम करने वाले कर्मचारी उपेंद्र ने बताया कि दो दिन पहले ही पांच गायों की मौत हुई थी, उन्होंने जो गड्ढे खोदे गए थे उनमें दफन कर दिया गया है। 11 गोवंश बाहर से पकड़कर गोशाला में कर दिए गए हैं। ऊसराहार की गोशाला में तो फिर भी जगह साफ-सुथरी है लेकिन दो दिन से हो रही बारिश में मुरचा की गोशाला में जगह-जगह काफी पानी भर गया था जिससे कीचड़ बहुत हो जाने के चलते गोवंश पानी में बैठने को मजबूर हैं। क्षेत्र में अभी भी 19 गोशाला लाखों रुपये की कीमत की लागत से बनने के बाद खाली पड़ी हैं और सड़कों पर सैंकड़ों की संख्या में आवारा गोवंश खुले में घूम कर किसानों की फसलों को खा रहे हैं। बीडीओ ताखा आशुतोष कुमार से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनका मोबाइल फोन उठा नहीं।