सीनियर फैकल्टी ने जताया वार्डन के निलंबन का विरोध
संवाद सहयोगी सैफई उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में हुई रैगिग प्रकरण को लेकर दो वार्डेन को निलंबित किए जाने के बाद सीनियर फैकल्टी में आक्रोश देखा गया। यूनिवर्सिटी के सीनियर डाक्टर्स ने कुलपति प्रो. राजकुमार से मुलाकात की और अपना विरोध जताया।
संवाद सहयोगी, सैफई : उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की सीनियर फैकल्टी ने रैगिंग प्रकरण में वार्डन पर हुई निलंबन की कार्रवाई का विरोध जताया। शुक्रवार को एकत्रित होकर सीनियर डॉक्टर कुलपति प्रो. राजकुमार के आवास पर पहुंचे और दुर्भावनावश कार्रवाई का आरोप लगाते हुए ज्ञापन सौंपा।
सैफई चिकित्सा विश्वविद्यालय में रैगिंग का मामला सामने आने के बाद छात्रों के साथ-साथ छात्रावास के वार्डन पीडियाट्रिक विभाग के असिस्टेंट प्रो. डा. गणेश कुमार वर्मा व फिजियोलॉजी विभाग के गयासुद्दीन हैदर को निलंबित किया गया था। शुक्रवार को सीनियर फैकल्टी इसके विरोध में लामबंद हो गई। सुबह तकरीबन नौ बजे 95 फैकल्टी सदस्य कुलपति आवास पहुंचे और ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा गया कि निलंबित किए गए डॉक्टर्स के पास हॉस्टल का अतिरिक्त चार्ज था। इसका मतलब ये नहीं कि उन्हें निलंबित कर दिया जाए। दोनों लोगों से पहले ही अधिक काम लिया जा रहा था। अब कार्रवाई भी कर दी गई।
कुलपति प्रो. राजकुमार ने फैकल्टी को आश्वस्त किया कि कार्रवाई दुर्भावनावश नहीं की गई। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। किसी का अहित करना उद्देश्य नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सा विश्वविद्यालय में सीनियर्स के पास अतिरिक्त चार्ज होता है। यहां कोई नई व्यवस्था नहीं है। डॉ. गणेश वर्मा व डॉ. गयासुद्दीन को सिर्फ वार्डन के पद से निलंबित किया गया है। मूल पद से नहीं।
डा. आलोक दीक्षित बने डीन
रैगिग प्रकरण के बाद डीन स्टूडेंट वेलफेयर के पद से कार्यमुक्त किए गए प्रोफेसर कल्बे जव्वाद की जगह डॉक्टर आलोक दीक्षित को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा एंटी रैगिग मॉनीटरिग सेल, फ्लाइंग स्क्वाड की नई कमेटी भी गठित कर ली गई है।
प्रथम वर्ष के छात्र नहीं चाहते कार्रवाई
रैगिंग का शिकार हुए सैफई चिकित्सा विवि के प्रथम वर्ष के छात्र शुक्रवार को कुलपति प्रो. राजकुमार को ज्ञापन देने पहुंचे। इसमें उन्होंने सीनियर छात्र व फैकल्टी के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई न करने की अपील की है।