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इटावा में रेलवे ट्रैक बाउंड्रीप्रूफ करने का काम तेज

दिल्ली-हावडा रेलमार्ग पर शताब्दी-राजधानी के साथ तेजस और वंदेभारत चलाए जाने से इसकी संरक्षा और सुरक्षा को लेकर विशेष सजगता बरती जा रही है लेकिन जानवरों के कटने तथा अनाधिकृत रास्तों से हादसों को लेकर परिचालन प्रभावित होने की आशंका हर समय बरकरार रहती है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 09:36 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 06:07 AM (IST)
इटावा में रेलवे ट्रैक बाउंड्रीप्रूफ करने का काम तेज
इटावा में रेलवे ट्रैक बाउंड्रीप्रूफ करने का काम तेज

जागरण संवाददाता, इटावा : दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर ट्रैक को संरक्षित करने के लिए गाजियाबाद से दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन तक ट्रैक के दोनों को बाउंड्री बनाई जानी है। रेलवे ने पहले चरण में संवेदनशील 128 किमी क्षेत्र को बाउंड्रीप्रूफ करना शुरू कर दिया है। इटावा रेलवे स्टेशन के आसपास भी कई स्थानों पर बाउंड्री बनाने का काम तेजी से चल रहा है।

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दिल्ली-हावड़्रा रेलवे ट्रैक पर शताब्दी, राजधानी, तेजस और वंदेभारत जैसी कई हाईस्पीड ट्रेनें चल रही हैं। ऐसे में रेलवे इस रूट को लेकर काफी सजग है। पिछले दिनों इसे लेकर गाजियाबाद जंक्शन से पंडित दीनदयाल उपाध्याय (मुगलसराय) जंक्शन तक 763 किमी की दूरी में ट्रैक के दोनों को ओर बाउंड्रीवाल बनाने की घोषणा की गई थी। पहले चरण में संवेदनशील 128 किमी क्षेत्र का चुनाव किया गया है। इसमें इलाहाबाद, कानपुर, गाजियाबाद, रूरा-टूंडला के बीच का एरिया शामिल है। वरिष्ठ खंड अभियंता निर्माण महेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि इटावा जंक्शन के पूर्वी और फर्रुखाबाद रेलवे क्रासिंग के आसपास अति संवेदनशील क्षेत्रों में 600 मीटर ट्रैक की बाउंड्री का काम पूरा कर लिया गया है। आने वाले समय में पूरा ट्रैक बाउंड्रीप्रूफ कर दिया जाएगा। हटाए जाएंगे कब्जे

दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक पर शहरी तथा ग्रामीण आबादी क्षेत्र में कई स्थानों पर लोगों ने रेलवे की भूमि पर कब्जा कर रखा है। बाउंड्री निर्माण होने पर रेलवे प्रशासन जमीन की नापजोख करा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक जहां भी कब्जा मिलेगा उसे हटाया जाएगा। अभी चिह्नित अति संवेदनशील स्थानों पर बाउंड्री का काम किया जा रहा है। द्वितीय चरण की टेंडर प्रक्रिया चल रही है। ट्रेनों का सुरक्षित परिचालन के लिए जल्द ही पूरे ट्रैक को बाउंड्री से लैस कर दिया जाएगा।

सुनील कुमार गुप्ता

पीआरओ उत्तर मध्य रेलवे


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