होली चार.. होली पर पानी की बर्बादी को रोकना ही हितकर
जागरण संवाददाता इटावा रंगों के पर्व पर होली है के शोर के साथ खुशियों के त्योहार पर
जागरण संवाददाता, इटावा : रंगों के पर्व पर होली है के शोर के साथ खुशियों के त्योहार पर जल की बर्बादी प्रत्यक्ष देखने को मिलती है। दो दिन के त्योहार के हुल्लड़ में बेवजह पानी की बर्बादी अच्छी आदत नहीं है। बदले हालातों में जब हर तरफ घटता जलस्तर भविष्य के लिए चिता का विषय बन चुका है। लाखों मिलियन लीटर जल त्योहार के बहाने ही बर्बाद किया जा रहा है। ऐसे में साझा होली और सूखा गुलाल की परंपरा को अपनाना समाज के लिए हितकर है। अन्यथा यही हाल रहा तो पानी के लिए हम सभी तरसेंगे। जल ही जीवन है : एक ओर पेड़ों का कटान तो दूसरी ओर बेतहाशा पानी की बर्बादी होली पर नजर आती है। हर साल पेयजल संसाधन जलस्तर घटने की स्थिति में धोखा दे रहे हैं। कल-कल करती नदियां, नहर, रजवाहे सूखे रहने से सिचाई का संकट, वहीं कुओं का अस्तित्व खत्म होने के बाद हैंडपंपों का भी साथ छूटने की स्थिति में पानी की मारामारी बढ़ी है। इसीलिए होली मनाए लेकिन पानी जरुर बचाएं। - नौशाबा खानम, नपा अध्यक्ष पानी बचाना देश हित में आवश्यक : देश हित में पानी बचाना नितांत आवश्यक है। होली के बाद आने वाली भीषण गर्मी का भी सामना करना पड़ेगा, पालिका ने दो दिन तक 24 घंटे पानी आपूर्ति करने की घोषणा की है, इसका मतलब यह नहीं कि पानी का दुरुपयोग किया जाए। पानी बचाने के लिए सूखे रंगों से ही होली खेलनी चाहिए। अनिल कुमार, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद इस होली पर हम सब लोगों को पानी बचाने के लिए अबीर से ही होली खेलनी चाहिए। सुखे रंगों का प्रयोग करने से ही पानी बचाया जा सकता है। जनपद के कई ब्लाक क्षेत्रों में वाटर लेबल गिरता जा रहा है। निकट भविष्य में पानी की होने वाली कमी को देखते हुए सभी लोग होली पर अधिक से अधिक पानी बचाएं। फुरकान अहमद, पूर्व नगर पालिका परिषद अध्यक्ष सूखी होली अपनाएं लोग होली पर सूखी होली लोग खेलें, अबीर गुलाल का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग किया जाए। केमिकल युक्त रंगों से बचाव किया जाए। पानी की बर्बादी को रोकना हम सभी का दायित्व है। अबीर गुलाल से होली खेलने पर पानी कम खर्च होता है। सतेंद्र नाथ शुक्ला, सिटी मजिस्ट्रेट