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प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान प्रत्येक माह की नौ तारीख को

जागरण संवाददाता इटावा कोविड-19 के समय बिगड़े हालातों ने धीरे धीरे पटरी पर आना शुरू

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 06:32 PM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2020 01:22 PM (IST)
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान प्रत्येक माह की नौ तारीख को
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान प्रत्येक माह की नौ तारीख को

जागरण संवाददाता, इटावा : कोविड-19 के समय बिगड़े हालातों ने धीरे धीरे पटरी पर आना शुरू कर दिया है और इसी का उदाहरण है कि हर माह की नौ तारीख को मनाए जाने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की शुरुआत भी हो चुकी है। अब हर गर्भवती इस दिवस पर आकार प्रसव पूर्व संपूर्ण जांच करा सकती है।

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनएस तोमर ने बताया कि अभी परिस्थितिवश लोग अस्पताल आने में डर रहे हैं। मुख्यत: गर्भवती महिला प्रसव के लिए केंद्रों पर आ रही हैं लेकिन जांच के लिए नहीं। जबकि गर्भावस्था व प्रसव के समय होने वाले खतरों से मातृ एवं शिशु को बचाने के लिए प्रसव पूर्व जांच बहुत जरूरी है।

उन्होंने बताया प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से खुद सभी से अनुरोध करते हुये कहा है कि कोरोना संक्रमण बाधा है, परंतु सतर्कता के साथ गर्भवती मां को खास होने का एहसास दिलाते हुए प्रत्येक नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ प्रदान करने के लिए उन्हें निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में लायें और निश्शुल्क जांचों और सेवाओं का अवसर न गंवाएं। साथ ही आशाओं को जिम्मेदारी दी गई है कि वह अपने क्षेत्र की सभी गर्भवती महिलाओं को इस दिवस पर केंद्र पर लाकर जांच जरूर करवाएं।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील कुमार ने कहा कि गर्भवती आपदा से न घबराएं और केंद्रों पर टीकाकरण और जांच के लिए जरूर आएं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डीसीपीएम प्रभात बाजपेयी का कहना है कि त्योहारों का समय है और महामारी का दौर भी, अत: पूरी सतर्कता के साथ प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को भी त्योहार की तरह मनाएं। जनपद को कल कम से कम 1100 गर्भवती महिलाओं की जांच कराने का लक्ष्य दिया गया है और यह सभी की भागीदारी से संभव हो पाएगा।

गर्भावस्था में होने वाले खतरों से बचाती है प्रसव पूर्व जांच

जिला महिला चिकित्सालय में तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. राखी का कहना है कि किसी भी गर्भावस्था में जहां जटिलताओं की संभावना अधिक होती है, उस गर्भावस्था को हाई रिस्क प्रेगनेंसी या उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था में रखा जाता है और इसका पता लगाने के लिए प्रशिक्षित डॉक्टर्स के द्वारा प्रसव पूर्व तीन संपूर्ण जांच कराना बहुत जरूरी होता है। जिससे कि समय रहते इसका पता लगाकर, इससे होने वाले खतरों से गर्भवती को बचाया जा सके।


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