पुलिस ने चलाई थी लाठी,21 रामभक्त हुए थे गिरफ्तार
जागरण संवाददाता इटावा श्रीराम आंदोलन के दौर में 30 साल पूर्व शहर के रामभक्तों का जोश भ
जागरण संवाददाता, इटावा : श्रीराम आंदोलन के दौर में 30 साल पूर्व शहर के रामभक्तों का जोश भी उफान पर था, जिन्हें पुलिस की लाठियों की कतई परवाह नहीं थी। 21 रामभक्तों का जत्था शहर से निकला तो पुलिस बल ने लाठियां बरसाते हुए पकड़ लिया फिर भी सभी जय श्रीराम और रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे के नारों से वातावरण को गुंजायमान करते रहे। जब श्रीराम मंदिर निर्माण का सपना साकार होने को आया तब इनमें कई गोलोक धाम के वासी हो गए।
जिला शासकीय अधिवक्ता शिवकिशोर शुक्ला ने बताया कि संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य महेश तिवारी, केके डिग्री कालेज के प्राचार्य डॉ. विद्याकांत तिवारी, पूर्व चेयरमैन जसवंतसिंह वर्मा, मोहन चौबे, राजेंद्र गुप्ता, राजेंद्र मोहन चतुर्वेदी, रविद्र मिश्रा, पुष्पेंद्र मिश्रा बुद्ध चाचा, कमलाकांत शर्मा, लक्ष्मण स्वरूप अग्रवाल, वीरेंद्र गौड़, संजय मिश्रा टीपू, प्रदीप मिश्रा अपने साथियों सहित 26 अक्टूबर 1990 को छैराहा के आसपास गलियों से निकलकर एकत्रित हुए थे। दूसरी ओर कोतवाली सदर ही नहीं अपितु आसपास के थानों की पुलिस तत्कालीन सीओ रामबहादुर यादव के नेतृत्व में आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी के लिए पैदल मार्च कर रही थी। जय श्रीराम के नारे की गुंजायमान सुनकर पुलिस बल ने रामभक्तों पर लाठियां बरसाना शुरू कर दिया। पुलिस बल ने कई रामभक्तों को बुरी तरह घायल किया फिर भी उनका जज्बा कम नहीं हुआ। जिस पर पुलिस ने विभिन्न संगीन धाराओं में उपरोक्त 21 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें पांच लोगों को इटावा तथा अन्य सभी को कानपुर जेल में बंद कराया था लेकिन न्यायालय में पैरवी होने पर 15 दिन के अंतराल पर सभी को जमानत पर मुक्त कर दिया गया था। इन रामभक्त आंदोलनकारियों में करीब आधा दर्जन गोलोकवासी हो गए है जो शेष जीवित है वे सभी स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।