शहर में 20 हजार घरों तक पहुंचेगी पीएनजी
जागरण संवाददाता इटावा शहर में अगले पांच साल के अंदर 20 हजार घरों में पीएनजी यानी पाइप्
जागरण संवाददाता, इटावा : शहर में अगले पांच साल के अंदर 20 हजार घरों में पीएनजी यानी पाइप्ड नेचुरल गैस पहुंचाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। फिलहाल मार्च से लाइनपार क्षेत्र के दो वार्डों अजीतनगर व फ्रेंड्स कालोनी में पाइप लाइन डाली जा चुकी है और घरों में कनेक्शन दिए जाने का काम शुरू कर दिया गया है। अभी प्रथम चरण का काम पूरा किया जा सका है। सस्ती और सुरक्षित गैस आपूर्ति के लिए भारत सरकार के पेट्रोलियम एवं नेचुरल गैस मंत्रालय की पहल पर प्रदेश सरकार ने 21 जिलों में इस योजना की शुरूआत की थी। योजना का उद्देश्य लोगों को सीधे घरों पर पाइप लाइन के जरिए गैस की सप्लाई करना और महंगे सिलेंडर से निजात दिलाना है। ऐसा होने से लोगों को आर्थिक रूप से राहत मिलेगी। गैस की आपूर्ति करने वाली कंपनी टोरेंट ने पीएनजी की सप्लाई के लिए अजीतनगर व फ्रेंड्स कालोनी क्षेत्र में पाइप लाइन डाल दी है। कंपनी के द्वारा रजिस्ट्रेशन का काम शुरू कर दिया गया है। कंपनी की तरफ से डायरेक्टर मार्केटिग एजेंसी के लोग घर-घर जाकर बुकिग का काम कर रहे हैं।
इसके लिए जिला प्रशासन व नगर पालिका का भी सहयोग मांगा गया है। कंपनी का इटावा पर काफी फोकस है। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि भरथना रोड पर सब स्टेशन का काम पूरा हो चुका है। 1500 किमी पाइप लाइन डाली जा चुकी है। जल्द ही मेन लाइन से कनेक्शन चेंबर व घरों के बाहर छोटे सेफ्टी चेंबर बनाकर दिए जाएंगे, हर मोहल्ले के लिए अलग से सेफ्टी चेंबर होगा। दिबियापुर गेल से होगी गैस की आपूर्ति कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक औरैया जनपद के दिबियापुर गेल से गैस की आपूर्ति की जाएगी। पीएनजी गैस घरेलू गैस सिलिडर के सापेक्ष करीब 40 फीसद सस्ती पड़ेगी। उनके मुताबिक इसका बिल प्रतिमाह का 400 से 450 रुपये के करीब आता है। जबकि कम से कम डेढ़ सौ रुपये में भी काम चल जाता है। जबकि एक माह में गैस सिलिडर भरवाने पर लगभग एक हजार रुपये का व्यय आता है। गैस सिलिडर बदलने के झंझट से भी मुक्ति मिल जाएगी। क्या है पीएनजी पीएनजी यानी की पाइप्ड नेशनल गैस। इस नेशनल गैस को उद्योगों या घर तक पाइप के जरिए पहुंचाया जाता है। जिले में फिलहाल एलपीजी से घरों व उद्योग को गैस की सप्लाई होती है। पीएनजी केवल 5.15 प्रतिशत तक हवा के साथ मिलने पर ही आग पकड़ी है। यह हवा से हल्की होती है। यदि हवा का दबाव सही है तो यह ऊपर उठकर हल्की हवा में गायब हो जाती है। इसलिए किसी खतरे की संभावना नहीं रहती है।