परशुराम-लक्ष्मण संवाद व सीता स्वयंवर का हुआ मंचन
संवादसूत्र बसरेहर सीता स्वयंवर में जब जनक जी के मुख से वीर विहीन मही में जानी सुना तो लक्ष्म
संवादसूत्र, बसरेहर : सीता स्वयंवर में जब जनक जी के मुख से वीर विहीन मही में जानी सुना तो लक्ष्मण क्रोधित हो गए जिन्होंने रघुवंश के वीरों की गाथा का वर्णन करके सभी को भाव विभोर कर दिया। मुनि विश्वामित्र की आज्ञा से श्रीराम ने शिव धनुष का भंजन किया तो हर्ष का वातावरण हो गया।
श्रीरामलीला महोत्सव बसरेहर के तत्वावधान में सीता स्वयंवर तथा परशुराम-लक्ष्मण संवाद की लीला के मंचन का शुभारंभ समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्र पाल ने श्रीराम दरबार की आरती करके किया। सीता स्वयंवर में रावण-बाणासुर तथा परशुराम-लक्ष्मण संवाद ने श्रद्धालुओं को जमकर भाव-विभोर किया। कोविड-19 महामारी के चलते मैदान में सीमित दायरे में ही श्रद्धालु आ रहे जिनको समिति की ओर से मास्क प्रदान किए गए। काफी संख्या में लोग घरों पर ही आनंद ले रहे हैं। इससे पूर्व ताड़का वध से जनक बाजार की लीला के मंचन का शुभारंभ पूर्व प्रधान राजेश गुप्ता ने किया था। समिति की ओर से दोनों अतिथियों का माल्यार्पण तथा प्रतीक चिह भेंट करके अभिनंदन किया गया। मंडलाधीश विजय मिश्र बड़े के निर्देशन में कलाकारों ने सराहनीय मंचन किया जिसका संचालन आचार्य रामदास तिवारी ने किया। अध्यक्ष अनिल यादव, प्रभारी संदीप दुबे, जितेंद्र यादव, कपिल पोरवाल, अजय सक्सेना, हरीओम दुबे, शिवम यादव, सतीश यादव आदि सक्रिय सहयोग कर रहे हैं।