यमुना का जलस्तर बढ़ने से बह गया पेंटून पुल, फसल जलमग्न
हसंवाद सहयोगी चकरनगर अचानक यमुना नदी में बढ़े जलस्तर से कंधेसी घाट पर बना पेंटून पुल बह गया। इससे दर्जनों गांव के ग्रामीणों को आवागमन में असुविधा का सामना करना पड़ेगा। क्षेत्र के दर्जनों गांव के किसानों की
संवाद सहयोगी, चकरनगर : अचानक यमुना नदी में बढ़े जलस्तर से कंधेसी घाट पर बना पेंटून पुल बह गया। इससे दर्जनों गांव के ग्रामीणों को आवागमन में असुविधा का सामना करना पड़ेगा। क्षेत्र के दर्जनों गांव के किसानों की कछारी भूमि में खड़ी फसल भी जलमग्न हो गई। तीन बार कुदरत की मार झेलने वाले किसानों ने योगी सरकार से शीघ्र आर्थिक सहायता राशि मुहैया कराने की मांग की है। यमुना नदी में अचानक बढ़े जलस्तर ने किसानों के पुराने जख्म हरे कर दिए हैं। सरकार ने बाढ़ पीड़ित किसानों को आर्थिक सहायता राशि मुहैया नहीं करा पाई थी। तब तक बीच में ही एक बार तो ओलावृष्टि हो गई, जिससे किसानों की पुन: फसल बर्बाद हो गई। इसके उपरांत दो दिन पूर्व यमुना नदी में बढ़े जलस्तर से कछारी भूमि में खड़ी पकी फसल जलमग्न हो गई। क्षेत्र के गांव डिभौली निवासी किसान बजरंगी, राम प्रसाद निषाद, ताहर सिंह, अरविद कुमार, कुंअर सिंह, लालजीत, राजवीर, राज किशोर ने बताया कि उनकी बाजरा की फसल भीषण बाढ़ में समाप्त हो गई थी। इसके उपरांत कछारी भूमि में खड़ी गेहूं और जौ की फसल फिर से जलमग्न हो गई है। इसके उपरांत क्षेत्र के गांव कंधेशीघार यमुना नदी पर पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा बनाए गए पीपों के पेंटून पुल भी यमुना नदी में बढ़े जलस्तर में बहकर समीप में ही निर्माणाधीन सेतु पुल से टकरा कर रुक गया। ग्रामीणों ने बताया कि समय रहते पेंटून पुल को पकड़ा नहीं गया तो उसके आगे बहकर जाने का अंदेशा है। फिलहाल पुल के टूटने से क्षेत्र के करीब दो दर्जन गांव के ग्रामीणों का आवागमन बंद हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ किसानों की नदी के उस तरफ भी जमीन में फसल खड़ी है, जिसे पुल द्वारा ही निकला जा सकता था।