खनन की ओवरलोडिग पासिग पर अंकुश नहीं, छह पकड़े
संवादसूत्र उदी मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश के लिए खनन सामग्री से ओवरलोड वाहनों की पासिग
संवादसूत्र, उदी : मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश के लिए खनन सामग्री से ओवरलोड वाहनों की पासिग पर अभी तक अंकुश नहीं लग पाया। बीते सोमवार की रात एआरटीओ ने टीम के साथ अचानक चेकिग की तो खलबली हो गई। मध्य प्रदेश की सीमा पर भगदड़ मच गई, 60 से 70 ओवरलोड ट्रक संपर्क मार्ग तथा अन्य जगहों पर छिपा दिए गए। इससे चेकिग टीम के घेरे में आधा दर्जन ही ओवरलोड ट्रक आ सके। गौरतलब पहलू तो यह है कि चंबल पुल के पास 24 घंटे चेकिग की जा रही है, इसके बावजूद सैंकड़ों की संख्या में ओवरलोड वाहन पास हो रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि वसूली का दौर जारी है। राजस्व चोरी एवं बार्डर पर स्थापित कमजोर चंबल पुल को बचाने के लिए लगातार जिला प्रशासन द्वारा सख्त निर्देश दिए जा रहे हैं कि ओवरलोड वाहन कतई पास न हों लेकिन इन निर्देशों को धता बताकर जमकर वसूली का खेल जारी है। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी बृजेश कुमार ने टीम के साथ बीती रात चेकिग अभियान चलाया तो यह हकीकत प्रकट हो गई। कई ओवरलोड ट्रक चंबल पुल के पास से ही मध्यप्रदेश सीमा की ओर भाग निकले तो कई चालकों ने मार्ग किनारे स्थित ईंट भट्ठों एवं ग्रामीण संपर्क मार्गों पर ओवरलोड ट्रकों को छुपाकर गायब भी हो गए थे। एआरटीओ ने बताया कि सोमवार की देर रात से मंगलवार प्रात: तक चेकिग की गई। आधा दर्जन से अधिक ट्रकों पर ओवरलोड सहित अन्य परिवहन एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। ऐसे वाहनों की संख्या सात-आठ अथवा इससे अधिक हो सकती है जिसकी अभी काउंटिग की जा रही है। पुलिस को चेकिग का पता नहीं थाना प्रभारी एसआइ राजेश कुमार ने बताया कि थाना प्रभारी अवकाश पर हैं। परिवहन विभाग द्वारा मार्ग पर चेकिग की सूचना पुलिस को नहीं दी गई। इससे सीज किए गए वाहनों की जानकारी नहीं है। राजस्व चोरी के साथ पुल को खतरा ओवरलोड खनन परिवहन से शासन को राजस्व चोरी के साथ चंबल पुल के लिए भी खतरनाक है। विभागीय अधिकारियों द्वारा 40 से 50 मीट्रिक टन से अधिक भार के वाहनों के परिवहन को खतरनाक बताकर जिला प्रशासन को अवगत कराने के साथ नए पुल निर्माण के प्रस्ताव भी केंद्रीय सरकार को भेजा जा चुका है। एमपी प्रशासन का सहयोग जरूरी पूर्व में दोनों प्रदेशों के सीमावर्ती जनपद के अधिकारियों में ओवरलोडिग पर अंकुश आदि पर संयुक्त चर्चा चार माह पूर्व हो चुकी है इसके बावजूद अभी तक धरातल पर इसकी पहल नजर नहीं आ सकी है। चंबल पुल की सुरक्षा को लेकर मध्य प्रदेश प्रशासन का सहयोग जरूरी है। टोल प्लाजा पर ही एमपी प्रशासन ओवरलोड वाहनों पर अंकुश लगा दे तो नए पुल के निर्माण तक यह पुल सुरक्षित रह सकता है।