डेंगूु से एक की मौत, 517 बुखार पीड़ित पहुंचे अस्पताल
जागरण संवाददाता इटावा मौसम में शीत का अहसास होने के बाद भी वायरल बुखार का प्रकोप थमने
जागरण संवाददाता, इटावा : मौसम में शीत का अहसास होने के बाद भी वायरल बुखार का प्रकोप थमने का नाम नही ले रहे है। शुक्रवार को जिला अस्पताल में 517 मरीज बुखार के आये जबकि हर मर्ज के 112 मरीजों को भर्ती किया गया है। डेंगू के मरीजों को अस्पताल प्रशासन सिरे से खारिज कर रहा है। उधर भूमि संरक्षण अधिकारी राष्ट्रीय जलागम विभाग में कार्यरत वरिष्ठ सहायक अश्वनी कुमार का डेंगू के कारण रिजेंसी अस्पताल कानपुर में निधन हो गया। उन्हें गुरुवार को कानपुर ले जाया गया था। वे कर्मचारी शिक्षक अधिकारी पेंशनर्स अधिकार मंच के सक्रिय सदस्य थे। उनके निधन पर भूमि संरक्षण अधिकारी प्रमोद कुमार, अवर अभियंता अजेंद्र सिंह, वरिष्ठ भूमि निरीक्षक राजेश मिश्र, शशिभूषण मिश्र, राजकमल चौहान ने शोक जताया।
जिला अस्पताल को शुक्रवार को भी दोपहर तक डेंगू की जांच रिपोर्ट सैफई मेडिकल कालेज से प्राप्त नहीं हो सकी। मुख्य रजिस्ट्रेशन काउंटर से 938 मरीजों ने पर्चे खरीद कर उपचार लिया। इमरजेंसी से तकरीबन 145 मरीजों ने पर्चा खरीद कर इलाज लिया। अस्पताल के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डा. पीके गुप्ता ने बताया कि उनके पास भी तकरीबन 100 से अधिक बच्चों ने वायरल बुखार, खांसी जुकाम का उपचार लिया है।
डेंगू के भय से अस्पताल की जांच लैब में मरीजों का खासा हुजूम उमड़ पड़ा। इसके तहत 140 मरीजों ने जांच कराई जिसमें 50 मरीजों को संदिग्ध मानते हुए उनके नमूने एलाइजा जांच के लिए उप्र आयुर्विज्ञान विश्व विद्यालय सैफई भेजे गये हैं।
जिला अस्पताल में मरीजों को हर तरह के उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई गई है लेकिन सावधानी ही सबसे बड़ा इलाज भी बताया जा रहा है। अस्पताल में वायरल बुखार के जितने भी मरीज भर्ती हैं उनकी समुचित देखरेख की जा रही है। डा. एमएम आर्या
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