50 शैया की मेडिकल केयर यूनिट में एक भी शैया नहीं
पुराना जिला अस्पताल में वर्ष 2011 में स्थापित 536 लाख की लागत से 50 शैया मेडिकल केयर यूनिट मार्च 2013 में तैयार हो गई थी। स्वास्थ्य विभाग ने इसमें ओपीडी तो चालू कर दी लेकिन यूनिट में एक भी शैया की सुविधा नहीं मिल रही है।
जागरण संवाददाता, इटावा : पुराना जिला अस्पताल में वर्ष 2011 में स्थापित 536 लाख की लागत से 50 शैया मेडिकल केयर यूनिट मार्च 2013 में तैयार हो गई थी। स्वास्थ्य विभाग ने इसमें ओपीडी तो चालू कर दी, लेकिन यूनिट में एक भी शैया की सुविधा नहीं मिल रही है। हालत यह है कि यूनिट में इस समय सिरिज व आवश्यक दवाओं को अभाव बना हुआ है। यूनिट में यह सुविधाएं थी प्रस्तावित - चिकित्सकों की टीम द्वारा संपूर्ण उपचार
- एक्स-रे की सुविधा
- पैथालाजी की सुविधा
- अल्ट्रासाउंड की सुविधा
- आपरेशन की सुविधा
- अन्य आपात सुविधाएं मेडिकल केयर यूनिट में मात्र एक चिकित्सक डा. मोहम्मद आसिफ ओपीडी करते हैं। एक अन्य चिकित्सक नहीं आते। एक भी सर्जन की तैनाती नहीं है। डा. आसिफ का कहना है कि यहां हर रोज 150 से 200 मरीज दवा लेने आते हैं, लेकिन यहां कोई सुविधा नहीं है। दवा तक की कमी बनी रहती है। अराजक तत्वों को जब घुसने से मना किया जाता है, तो झगड़ा करने पर आमादा हो जाते हैं। भवन के शीशे भी कई बार तोड़े जा चुके हैं। एक भाग में सेंट्रल ड्रग स्टोर का कब्जा : भवन के एक हाल में तो सेंट्रल ड्रग स्टोर का कब्जा चल रहा है। इसके निजी भवन में तीन साल पूर्व आग लग जाने के बाद इसके लिए स्थाई व्यवस्था न होने के कारण इसे इस भवन में ही चालू करा दिया गया। मेडिकल केयर यूनिट के सुचारु संचालन के लिए शासन से संसाधन व स्टाफ मांगा गया है। कई पत्र लिखे जाने के बाद भी निराशा ही हाथ लगी, अभी एक चिकित्सक व एक फार्मासिस्ट ही मिल सका है। दवाओं व सिरिज की कोई कमी नहीं है। जांच कराई जाएगी। डॉ. एनएस तोमर, सीएमओ