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श्री राम जैसा दूसरा और कोई नहीं

जागरण संवाददाता इटावा रामचरित मानस सम्मेलन की गौरवशाली परंपरा शुरू करने वाले पं. धरन

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 07:25 PM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 07:25 PM (IST)
श्री राम जैसा दूसरा और कोई नहीं
श्री राम जैसा दूसरा और कोई नहीं

जागरण संवाददाता, इटावा : रामचरित मानस सम्मेलन की गौरवशाली परंपरा शुरू करने वाले पं. धरनीधर त्रिवेदी द्वारा संस्थापित कार्यक्रम में आकर मैं स्वयं को धन्य महसूस कर रहा हूं। इस पावन मंच से प्रवाहित होने वाली रामचरित की गंगा से अब तक लाखों लोगों का जीवन पवित्र हुआ है। उक्त विचार प्रधान आयकर आयुक्त आगरा जयंत मिश्रा ने प्रदर्शनी पंडाल में आयोजित हुए दो दिवसीय श्री रामचरित मानस सम्मेलन के समापन दिवस पर व्यक्त किए।

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उन्होने कहा यह संसार मोह और काम के प्रभाव में डूबा हुआ है। उत्तरकाण्ड में आता है मोह न अंध कीन्ह केहि केही। को जग काम नचाव न जेही. और मोह सकल व्याधिन्ह कर मूला जिन्हते पुनि उपजहि बहुसूला। इन सभी विकारों से बचने का एक ही उपाय है कि राम की शरण में आ जाओ। श्री रामचरित मानस के सानिध्य में आने वाले को चार पुरुषार्थ अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष तो मिलते ही हैं पाचवां पुरुषार्थ भक्ति का भी रामकृपा से सुलभ हो जाता है। सत्संग तन की नहीं, मन की बात है। आप जहां हैं, जो काम कर रहे हैं अगर वहां सब कुछ करते हुए भी यदि आपका मन भगवान से जुड़ा हुआ है तो आप सत्संग में ही हैं। इसी तरह भक्ति क्रिया का नहीं भावना का नाम है। सम्मेलन में राष्ट्रीय मंचों के कवि कमलेश शर्मा ने अपनी राम पद लिखी प्रसिद्ध कविता पढ़ी।

इससे पूर्व सम्मेलन के संरक्षक डॉ. विश्वपति त्रिवेदी एवं संयोजक संजीव कुमार अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत किया। सम्मेलन के मुख्य वक्ता चित्रकूट धाम से आए मानस कोकिल पं. कृष्ण प्रताप तिवारी ने कहा कि अहेतुकी कृपा करने वाले श्री राम जैसा दूसरा और कोई नहीं है। यथा.अस सुभाव कहुं सुनउं न देखउं। कहि खगेस रघुपति सम लेखउं। जो राम का हो गया, राम उसके हो गए।

विशिष्ट अतिथि के रूप में एसएसपी आकाश तोमर भी उपस्थित रहे। संचालन डॉ. कुश चतुर्वेदी ने किया। कार्यक्रम की व्यवस्था में गिरिराज नारायण अग्रवाल, ओमप्रकाश मिश्रा, ब्रजेश बंसल, सुनीता दीक्षित श्यामा, ओमनारायण शुक्ल, आशुतोष त्रिवेदी, देवेन्द्र तिवारी, निर्मल पांडेय, राघवेंद्र तिवारी, विनय चौबे का सहयोग रहा।


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