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सैफई हवाई पट्टंी पर होगी विमानों की नाइट लैंडिग

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गांव सैफई में हवाई जहाजों की नाइट लैडिग जल्द शुरू हो जायेगी। नागरिक उड्डयन विभाग ने इसके लिए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 09:58 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 06:08 AM (IST)
सैफई हवाई पट्टंी पर होगी विमानों की नाइट लैंडिग
सैफई हवाई पट्टंी पर होगी विमानों की नाइट लैंडिग

बीपी सिंह, सैफई

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पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गांव सैफई की हवाई पट्टी पर हवाई जहाजों की नाइट लेंडिग जल्द शुरू हो जाएगी। नागरिक उड्डयन विभाग ने इसके लिए जिलाधिकारी जेबी सिंह से छह बिदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। इसी सिलसिले में सोमवार को नोडल अधिकारी एसडीएम हेम सिंह ने पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों के साथ मौके पर जाकर निरीक्षण किया।

नागरिक उड्डयन विभाग ने जिन छह बिदुओं पर रिपोर्ट मांगी है उनमें रनवे एवं उसकी सतह को ठीक रखना, रनवे एवं एप्रेन की समुचित मार्किंग, सुंदर बाउंड्रीवाल तथा उसकी पुताई, हवाई पट्टी पर कम से कम छह पैकेट ब्लॉक स्टोन की उपलब्धता, वीआईपी की गरिमा के अनुरूप वीआईपी लाउंज को बनवाए जाने और हवाई पट्टी ग्राउंड में घास वृक्षों की छटाई कराई जाना शामिल है। नोडल अधिकारी ने बताया कि नाइट लेंडिग शुरू करने के लिए अभी काफी कार्य कराने की आवश्यकता है। इंजीनियरों के माध्यम से निरीक्षण किया गया और आवश्यकता अनुसार एस्टीमेट बनवा कर शासन को भेजा जाएगा। इसके बाद हरी झंडी मिलने पर नाइट लैंडिग की व्यवस्था चालू की जाएगी। प्रधानमंत्री ने बोइंग विमान से की थी लेंडिग

तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में सैफई हवाई पट्टी का नये सिरे से निर्माण किया गया था। 2.70 किमी लंबी इस हवाई पट्टी पर अत्याधुनिक तरीके से बागवानी के साथ गेस्ट हाउस का भी जीर्णोद्धार किया गया था। लेकिन हवाई जहाजों की नाइट लेंडिग नहीं हो रही थी। यहां पर दिन में वायुसेना के मिराज, सुखोई जैसे विमान भी लगातार अभ्यास कर रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर पिछले वर्ष बड़ा बोइंग विमान भी उतारा जा चुका है, लेकिन इन विमानों के रात में उतरने की व्यवस्था न होने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। इसी कमी को दूर करने के लिए तत्कालीन सपा सरकार ने हवाई पट्टी पर नाइट लेंडिग के लिए राइट्स कंपनी को पूरी जिम्मेदारी सौंपी थी। प्रदेश के नागरिक उड्डयन विभाग ने 9 दिसंबर 2015 के अपने शासनादेश में 6 करोड़ 20 लाख रुपये के व्यय की अनुमति प्रदान कर अधूरे पड़े कार्यों को पूरा कराया था। लेकिन कुछ समय बाद स्थानीय गांव के निवासियों द्वारा लाइटिग सिस्टम को क्षतिग्रस्त एवं चोरी कर लिया गया था, जिस कारण नाइट लेंडिग शुरू नहीं हो सकी थी।


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