न्यूरो की बीमारी ने कर दिया परेशान, योगा से खिला चेहरा
इटावा ग्वालियर तथा दिल्ली एम्स तक कराया उपचार -- विश्व योग दिवस पर विशेष -- फोटो 2 जागरण्
इटावा, ग्वालियर तथा दिल्ली एम्स तक कराया उपचार
-- विश्व योग दिवस पर विशेष --
फोटो : 2
जागरण संवाददाता, इटावा : कोरोना काल में जहां एक ओर आम जनता संक्रमण के नाम से दूर भागती है, वहीं नियमित योगा करने वाले इस दर्द से बेखबर होकर योगा करके लोग अनेक तरह की बीमारियों से निजात पा रहे हैं।
बीते तीन साल पूर्व न्यूरो की बीमारी को लेकर परेशान था। इटावा, ग्वालियर व दिल्ली एम्स में जाकर लाखों रुपया बर्बाद कर दिया पर आराम मिला तो योग से। शहर के प्रकाश नगर महेरा चुंगी के पास रहने वाले इंद्रनारायण पांडेय एक व्यायाम शिक्षक थे। वर्ष 2017-18 में न्यूरो की बीमारी ने घेर लिया। इसी प्रकार न्यूरो के साथ शुगर व मांस पेशियों के दर्द से परेशान होकर वर्ष 2019 में ग्वालियर व दिल्ली एम्स में बड़े-बडे चिकित्सकों को दिखाया लाखों रुपया खर्च किये उसके बाद भी जब आराम नहीं मिला तो योगा अपनाया। नियमित योग करने से दवा से छुटकारा मिल गया और बीमारियां भी नौ दो ग्यारह हो गईं।
इन आसनों से मिला आराम
इंद्र नारायण पांडेय बताते हैं कि भुजंग आसन, सर्प आसन, भ्रामरी सहित कई अन्य आसन शुरू करने से शुगर- न्यूरो की समस्या से निदान मिल गया और पैसा भी बच गया है। योग से ही निरोग रहने की कला सीखी है अब योग जिदगी का नियमित हिस्सा बन गया है। हर रोज एक से डेढ़ घंटा योग के लिए आरक्षित कर रखा है। अगर जिदगी में स्वस्थ रहना है तो योग करना चाहिए।