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महेवा ब्लॉक को नहीं मिला नगर पंचायत का दर्जा

संवादसूत्र महेवा नगर के बाशिंदों की अर्से से नगर पंचायत का दर्जा मिलने की उम्मीदों पर तुषा

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 11:29 PM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 11:29 PM (IST)
महेवा ब्लॉक को नहीं मिला नगर पंचायत का दर्जा
महेवा ब्लॉक को नहीं मिला नगर पंचायत का दर्जा

संवादसूत्र, महेवा : नगर के बाशिंदों की अर्से से नगर पंचायत का दर्जा मिलने की उम्मीदों पर तुषारापात योगी सरकार में हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में 28 नई नगर पंचायतें बनाने की घोषणा की, लेकिन महेवा का नाम न होने पर एक बार फिर मायूसी हाथ लगी। इससे यहां के लोगों के दिल में करारी कसक लगी है।

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महेवा एक प्राचीन गांव है, किसी जमाने में यहां साधुओं और तपस्वियों की धूनियां रमा करती थीं। आजादी के संघर्ष के दौरान यहां के वीर सपूतों ने कुर्बानियां देकर इस मिट्टी का मान बढ़ाया था। मुगल बादशाह अकबर ने जब अपने दरबारी नवरत्नों में से एक वणिकपुत्र राजा टोडरमल से देश भर में भूमि की नाप-जोख और सीमांकन की प्रक्रिया शुरू कराई तो महेवा को देश के पहले राजस्व गांव का दर्जा हासिल हुआ था। सन 1882 में ब्रितानिया हुकूमत ने सिचाई विभाग के डाक बंगले का निर्माण कराकर क्षेत्र की राजस्व वसूली का सबसे बड़ा केंद्र बनाया था। आजादी के पहले बीसवीं शताब्दी में महेवा को सजाने संवारने का काम नागरी लोलपुर स्टेट के राय बहादुर चौबे गुरु नारायण ने अपनी अकूत दौलत लगाकर प्रभु श्रीराम को पुत्रवत मानते हुए राम लला का भव्य मंदिर का निर्माण कराकर किया। जिससे महेवा, बहेड़ा तथा आनेपुर तीन मौजों का मजरा मंदिर महेवा कहलाया, उन्होंने देववाणी संस्कृत महाविद्यालय का निर्माण कराकर इसे जनपद का नहीं बल्कि प्रदेश भर का बड़ा आध्यात्मिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित कर सनातन धर्म का ध्वजवाहक बनाया।

अमेरिका से आए थे कृषि विशेषज्ञ

आजादी के बाद ग्रामीण भारत की चमक विकसित करने तथा स्वदेशी स्वावलंबन एवं आत्म नर्भरता की नींव भरने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने महात्मा गांधी के सपनों का भारत बनाने के उद्देश्य से अमरीकी मूल्य के ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पारंगत एवं कृषि विशेषज्ञ डॉ. अल्बर्ट मायर को एक सदस्यीय प्लानिग कमीशन के रूप में उन्हें भारत बुलाया था। उन्होंने महेवा के इस आध्यात्मिक साधना के केंद्र पर आकर अपने दो सहयोगी भारतीय आइसीएस लेवल के अधिकारी डॉ. ध्यान पाल सिंह एडॉ बैजनाथ सिंह क्षेत्र के जाने माने कृषि पंडित आनंद माधव शुक्ल के साथ मिलकर अपनी योजना को मूर्त रूप देने के लिए कार्य शुरू किया, जिससे 15 सितंबर 1948 को महेवा में देश के पहले ब्लाक की स्थापना हुई थी।

जिला ग्रामीण पत्रकार संघ के अध्यक्ष इतिहास विद मनकंठी लाल शास्त्री ने क्षेत्रीय पत्रकारों एवं ग्राम प्रधानों व समाजसेवीयों को साथ लेकर तत्कालीन जिलाधिकारी शरद अस्थाना महेवा को टाउन एरिया यानी नगर पंचायत का दर्जा देने की मांग की थी। इसके बाद जनता दल, भाजपा, सपा तथा बसपा सरकार में यह मांग दोहराई गई। बसपा के एमएलसी भीमराव आंबेडकर ने नियम 115 के तहत विधान परिषद में इस मामले पर चर्चा की। विधायक सावित्री कठेरिया ने भी नगर पंचायत बनाने की पहल की लेकिन नगर पंचायत बनने का सपना मुंगेरीलाल के हसीन सपनों की तरह ही रह गया।


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