Move to Jagran APP

आंधी-पानी से जनजीवन अस्त-व्यस्त, बिजली गुल

जागरण संवाददाता इटावा गुरुवार को सुबह आसमान में घने बादल छाने तथा हवा चलने से वातावर

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 07:15 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 07:15 PM (IST)
आंधी-पानी से जनजीवन अस्त-व्यस्त, बिजली गुल
आंधी-पानी से जनजीवन अस्त-व्यस्त, बिजली गुल

जागरण संवाददाता, इटावा : गुरुवार को सुबह आसमान में घने बादल छाने तथा हवा चलने से वातावरण में ठंडक महसूस की गई। सुबह दस बजे के बाद सूरज की तपिश बढ़ने पर गर्मी का अहसास हुआ। तापमान सुबह न्यूनतम 26 तो दोपहर में अधिकतम 37 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 7 से 9 किमी की स्पीड से हवा चलने से आवागमन करने वालों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा। शाम के समय अचानक आंधी तथा हल्की बूंदाबांदी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। कई जगह होर्डिंग्स, गेहूं के गट्ठर तथा पेड़ों की हल्की टहनियां उड़कर दूर जा गिरीं। आंधी आने से पूर्व ही बिजली गुल कर दी गई जो आंधी थमने के दो घंटे बाद भी बहाल नहीं की जा सकी थी।

loksabha election banner

सुबह से मौसम कभी धूप कभी छांव का बना रहा। शाम छह बजे अचानक आंधी आने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। शहर से लेकर बसरेहर, भरथना तथा बकेवर-महेवा क्षेत्र में आंधी के बाद हल्की बूंदाबांदी से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लॉकडाउन के चलते बाजार बंद होने से अधिकांश दुकानदार घरों पर हैं, आंधी से उनकी दुकानें के आगे लगी होर्डिंग्स व अन्य सामान उड़ गया। कई जगह पेड़ों की टहनियां टूटने से आम को काफी नुकसान हुआ। कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडेय का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ बनने से पहाड़ी क्षेत्र में बारिश हो रही है जिससे मैदानी क्षेत्र के मौसम में बदलाव हो रहा है। यह सिलसिला आगामी पखवारे तक चलेगा। किसानों को विशेष सजगता बरतनी चाहिए। मई माह में प्री मानसून के साफ संकेत मिल रहे हैं।

आंधी-पानी से बदहाली का आलम

संवादसूत्र, बकेवर : गुरुवार को दिन भर बादल बने रहने के दौरान शाम को अचानक आंधी-पानी से किसानों की चिता और ज्यादा बढ़ गई। किसान रामनरेश, विनोद राजावत, प्रमोद आदि ने बताया कि उनकी गेहूं की फसल पक कर तैयार है लेकिन कोरोना के चलते श्रमिक नहीं आ रहे हैं। ऐसे में कंबाइन मशीनें भी क्षेत्र में नहीं पहुंची हैं। इससे फसल को समेटने में परेशान हैं। बारिश से गेहूं की फसल को नुकसान होगा। आंधी से खेतों में रखे गेहूं की गट्ठर उड़ गए तथा आम के पेड़ों से आम लदी टहनियां टूटने से आम की काफी बर्बादी हुई। दूसरी ओर कई ग्रामीणों के छप्पर और टिन शेड उड़ गए। चारों ओर बदहाली का आलम नजर आया, बिजली देर रात तक बहाल नहीं हो सकी थी, मच्छरों व अन्य कीट पतंगों की भरमार से लोगों की नींद भी खराब हो गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.