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़गोली लगने से घायल कांवड़िए की पांच दिन बाद मौत

संवाद सहयोगी सैफई विवाद में गोली लगने से घायल हुए कांवड़िए ने पांच दिन तक जिदगी और मृत्य

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Mar 2021 10:26 PM (IST)Updated: Sat, 13 Mar 2021 10:26 PM (IST)
़गोली लगने से घायल कांवड़िए की पांच दिन बाद मौत
़गोली लगने से घायल कांवड़िए की पांच दिन बाद मौत

संवाद सहयोगी, सैफई : विवाद में गोली लगने से घायल हुए कांवड़िए ने पांच दिन तक जिदगी और मृत्यु के बीच संघर्ष करने के बाद इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। कांवड़िए का आगे जा रहे ट्रैक्टर से साइड मांगने को लेकर विवाद हुआ था। घटना के दूसरे दिन मैनपुरी के किशनी थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।

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आठ मार्च को इटावा जिले के सैफई थाना क्षेत्र के ग्राम गींजा निवासी रामानंद शाक्य ने मैनपुरी जिले के किशनी थाना पुलिस को तहरीर देकर जानकारी दी थी कि उसका 22 वर्षीय पुत्र अनुज गांव के अन्य लोगों के साथ पिकअप वाहन से कांवड़ भरने फर्रुखाबाद जा रहा था। किशनी थाना क्षेत्र के ग्राम रामनगर डेरी के पास पिकअप वाहन के चालक ने आगे जा रहे ट्रैक्टर सवार लोगों से ओवरटेक करने के लिए साइड मांगी। इसी बात को लेकर पिकअप सवार और ट्रैक्टर सवार लोगों में रात करीब 11.30 बजे विवाद होने पर मारपीट भी हुई थी। मारपीट के दौरान किसी ने तमंचे से गोली चला दी, जो पिकअप सवार अनुज की आंख के पास लगी और वह घायल हो गया।

किशनी थाना प्रभारी अजीत कुमार का कहना है कि जानलेवा हमला की धारा में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पहले से दर्ज है। अब मुकदमा हत्या की धारा में तरमीम किया जाएगा। पुलिस हत्यारोपित की तलाश में जुटी हुई है। घटना का जल्द खुलासा होगा। साथी ने लगाया पुलिस पर बेपरवाही का आरोप

मृतक के साथी कांवड़िए प्रमोद कुमार ने पुलिस पर समय से मदद न करने का आरोप लगाया है। प्रमोद का कहना है कि घटनास्थल से महज 30 मीटर दूरी पर खड़ी 112 नंबर पुलिस गाड़ी को बुलाते रहे, लेकिन पुलिस मौके पर नहीं आई। ऐसे में साथी अनुज वहां पर लगभग एक घंटे तक तड़पता रहा। जैसे-तैसे पुलिस मौके पर आई और घायल अनुज को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र किशनी में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने हालत नाजुक देखते हुए सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के लिए रेफर कर दिया था। पुलिस तुरंत मदद करती तो शायद अनुज बच जाता। घर का इकलौता सहारा था अनुज

रामानंद का कहना है कि परिवार में अनुज ही एक पुत्र था, जो मजदूरी कर अपना परिवार का पालन-पोषण करता था। अनुज की शादी हुए लगभग तीन वर्ष हुए। उसकी तीन माह की एक बेटी है। इससे पहले भी उनके दो पुत्रों की तीन वर्ष में मृत्यु हो चुकी है।


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