मक्का-बाजरा की हो सकती है सरकारी खरीद
जागरण संवाददाता इटावा मक्का-बाजरा की केंद्र सरकार ने एमएसपी तो निर्धारित कर रखी है ले
जागरण संवाददाता, इटावा : मक्का-बाजरा की केंद्र सरकार ने एमएसपी तो निर्धारित कर रखी है लेकिन इनकी सरकारी खरीद नहीं की जाती है। इससे किसान इन दोनों फसलों को आढ़तियों और व्यापारियों की मर्जी के अनुरूप बेचने को विवश हैं। खरीफ में धान की फसल के साथ मक्का-बाजरा की भी सरकारी खरीद किए जाने के लिए प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है। शासन ने इसे स्वीकार कर लिया तो किसानों को काफी लाभ मिलेगा।
खरीफ की फसल के दौरान जनपद में करीब 55 हजार हेक्टेयर भूमि में धान तो 37 हजार 627 हेक्टेयर भूमि में बाजरा तथा पांच हजार 67 हेक्टेयर भूमि में मक्का का उत्पादन किया जाता है। यह तीनों फसलें अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवंबर-दिसंबर तक बाजार में आती हैं। धान के लिए तो समूचे जनपद में सरकारी क्रय केंद्र खोले जाते हैं लेकिन मक्का-बाजरा के लिए नहीं खोले जाते हैं। जबकि मक्का की एमएसपी 1850 तो बाजरा की 2150 रुपये सरकार ने निर्धारित कर रखी है। सरकारी केंद्र न होने से मंडी में आढ़तिया और व्यापारी ही इन दोनों फसलों का भाव निर्धारित करते हैं। बीते दो-तीन सालों से मक्का-बाजरा महज 12 सौ से 15 सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है। इससे बाजरा तथा मक्का उत्पादक किसानों को काफी घाटा सहन करना पड़ रहा है। जिलाधिकारी श्रुति सिंह ने इस हकीकत को धरातल पर परखने के बाद खाद्य विभाग को इन दोनों फसलों की एमएसपी के अनुरूप सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीदने के संबंध में कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इसके तहत खाद्य विभाग ने प्रस्ताव तैयार करके शासन और निदेशालय को प्रेषित किया है। जायद की मक्का व्यवसायिक
कृषि विभाग जायद की मक्का को व्यवसायिक मानता है। इसके तहत इसकी एमएसपी निर्धारित नहीं है। इसका व्यापारी वर्ग भरपूर लाभ उठा रहा है। जनपद में नहर तथा माइनरों के किनारे जायद की मक्का काफी की गई है जो मंडी में बिक्री के लिए आने लगी है। बीते सप्ताह से जायद की मक्का मंडी में 15 सौ रुपये प्रति क्विटल खरीदी जा रही है।
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खरीफ की फसल के रूप में बाजरा-मक्का नवंबर तथा दिसंबर माह में मंडी में आती है। इनकी खरीद एमएसपी के रूप में हो इसका निर्णय शासन को करना है। इस साल उम्मीद है कि इनकी खरीद के लिए सरकारी केंद्र खुलेंगे। जायद की मक्का व्यवसायिक होने से इसकी एमएसपी निर्धारित नहीं है।
अभिनंदन सिंह
जिला कृषि अधिकारी