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हेड इंजरी से विश्व में छह मिलियन लोग प्रभावित

उ.प्र. आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति एवं न्यूरो सर्जन प्रो. डा. राजकुमार द्वारा लिखित पुस्तक सिर की चोट (हेड इंजरी) का विमोचन विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में बुधवार को किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 11:33 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 06:04 AM (IST)
हेड इंजरी से विश्व में छह मिलियन लोग प्रभावित
हेड इंजरी से विश्व में छह मिलियन लोग प्रभावित

संवाद सहयोगी, सैफई : उ.प्र. आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति एवं न्यूरो सर्जन प्रो. डा. राजकुमार द्वारा लिखित पुस्तक 'सिर की चोट' (हेड इंजरी) का विमोचन विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में बुधवार को किया गया। पुस्तक का विमोचन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डा. राजकुमार ने प्रति कुलपति डॉ रमाकांत यादव, संकाय अध्यक्ष डॉ आलोक कुमार, चिकित्सा अधीक्षक डा. आदेश कुमार, कुलसचिव सुरेश चंद्र शर्मा, निदेशक वित्त गुरूजीत सिंह कलसी के साथ संयुक्त रूप से किया।

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डॉ. राजकुमार ने कहा कि हेड इंजरी एक घातक, चुपचाप एवं अचानक होने वाली दुर्घटना है। प्रतिवर्ष पूरे विश्व में हेड इंजरी से छह मिलियन लोग प्रभावित होते हैं। अकेले अपने देश में प्रतिवर्ष 1.5 मिलियन से ज्यादा लोगों के सिर पर चोट लगती है जिसमें से 75.80 फीसद हेड इंजरी सड़क दुर्घटनाओं के कारण होती है।

उन्होंने बताया कि हमारे देश में प्रति मिनट एक दुर्घटना होती है और हर 4 मिनट में दुर्घटना के कारण एक मौत हो जाती है। डॉ. राजकुमार ने बताया कि सामान्यत: 50 प्रतिशत गंभीर हेड इंजरी के मरीजों की मृत्यु हो जाती है। 25 प्रतिशत गंभीर हेड इंजरी के मरीजों में अच्छा सुधार हो जाता है, जबकि 50.60 फीसद साधारण हेड इंजरी के मरीजों में आगे आने वाले दिनों में कोई समस्या नहीं होती है।

प्रति कुलपति डॉ रमाकांत यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति एवं जाने माने न्यूरो सर्जन प्रो. डा. राजकुमार द्वारा हिन्दी में लिखित इस पुस्तक से हेड इंजरी एवं उसके इलाज एवं संबंधित भ्रांतियों को साधारण शब्दों में चिकित्सा एवं चिकित्सा से जुडे लोगों के साथ जनसाधारण को समझाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने बताया कि अभी भी हेड इंजरी के बारे में जन साधारण तथा यहां तक कि कुछ चिकित्सकों में काफी भ्रांतियां हैं। हेड इंजरी का इलाज कहां से शुरू होता है, क्या जांचे करनी चाहिए, कब ऑपरेशन करना चाहिए, क्या मॉनीटरिग करना चाहिए आदि के बारे में ही हेड इंजरी पुस्तक में बताया गया है।

कैसे रोकी जा सकती हैं दुर्घटनाएं

- ट्रैफिक नियमों में सुधार करके

- सड़कों की हालत दुरूस्त करके

- सड़कों के किनारे उचित प्रकाश की व्यवस्था करके

- हेड इंजरी से बचाव के लिए हेलमेट का प्रयोग

- कार में सीट बेल्ट का प्रयोग

- उचित लाइसेंस

- शराब पीकर वाहन चलाने पर रोक

- ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन

- वाहन चलाते समय फोन का उपयोग न करना

- निद्रा एवं नशे में वाहन न चलाना


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