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मत्स्य महाविद्यालय किसानों को देगा रंगीन मछलियों के संवर्धन का प्रशिक्षण

जागरण संवाददाता इटावा चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के इटावा प

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Dec 2020 06:38 PM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 01:13 AM (IST)
मत्स्य महाविद्यालय किसानों को देगा रंगीन मछलियों के संवर्धन का प्रशिक्षण
मत्स्य महाविद्यालय किसानों को देगा रंगीन मछलियों के संवर्धन का प्रशिक्षण

जागरण संवाददाता, इटावा : चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के इटावा परिसर स्थित मत्स्य प्रोद्यौगिकी महाविद्यालय एवं रिसर्च सेंटर द्वारा रंगीन मछलियों पर शोध कार्य किए जा रहे हैं। रंगीन मछलियों के संवर्धन का प्रशिक्षण अब किसानों को भी दिया जाएगा। जिससे वह स्वावलंबी बन सकें और उनकी आय में बढ़ोतरी हो सके। बीते दिनों कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के दौरे के बाद यह फैसला लिया गया है। महाविद्यालय के तालाबों में ऑर्नामेंटल फिश कल्चर का कार्य किया जा रहा है।

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कोरोना काल से ही विश्वविद्यालय के कुलपति डीआर सिंह के निर्देश पर महाविद्यालय के शिक्षकों व छात्रों द्वारा अधिष्ठाता डॉ. जेपी यादव की अगुवाई में ऑर्नामेंटल फिश कल्चर की गतिविधियां चलाई जा रहीं हैं। महाविद्यालय के तालाब में यह मछलियां 150 से 200 ग्राम तक की लाल, नीली, पीली, सफेद, हरी रंग की पॉलीलाइन तालाबों में विचरण करती देखी गई हैं। इन मछलियों में मुख्यत: दो नस्लों की मछलियों का संवर्धन किया जा रहा है। इनमें से एक चाइनीज कोई कॉरप तथा दूसरी जपनीज कोई कॉरप प्रजाति की हैं। इनका प्रजनन जुलाई अगस्त में कराया गया था। जिनके बच्चे अब दिखाई दे रहे हैं।

किसानों को जोड़ा जाएगा

कृषि मंत्री के निर्देश के बाद महाविद्यालय प्रशासन द्वारा इन मछलियों का प्रजनन वृहद स्केल पर कराए जाने का निर्णय लिया गया है। ऑर्नामेंटल फिश कल्चर को किसानों से कैसे जोड़ा जाए इस पर स्टार्टअप के माध्यम से प्रोजेक्ट बनाने और मत्स्य पुरुष एवं महिला किसानों को प्रशिक्षण देने का कार्य किया जाएगा। इसे रोजगार परक बनाते हुए किसानों की आमदनी बढ़ाई जाएगी। विद्यार्थियों के माध्यम से शिविर संसाधनों के अंतर्गत ऑर्नामेंटल फिश कल्चर को ऑर्नामेंटल एक्वेरियम की ट्रेनिग स्वरूप विद्यार्थी को प्रशिक्षित किया जाए और इसे किसानों से भी जोड़ा जाए जो उनके जीवकोपार्जन का एक आधार साबित हो सके। यह भी तय किया गया है कि सहायक निदेशक मत्स्य टी कुमार के सहयोग से किसानों को नवीन तकनीक से फिश कल्चर के बारे में ट्रेनिग दी जाए एवं उन्हें प्रोत्साहित किया जाए ताकि वह स्वावलंबी बन सकें।

मत्स्य महाविद्यालय एवं रिसर्च सेंटर के एक सप्ताह पूर्व हुए दौरे में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, कुलपति सीएसए डॉ. डीआर सिंह, सदर विधायक सरिता भदौरिया, भरथना विधायक सावित्री कठेरिया, डीन डॉ. जेपी सिंह के साथ डॉ. ध्रुव कुमार व डॉ. कैलश चंद भी मौजूद रहे।


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