नगर पालिका पर भारी पड़ रहे अतिक्रमणकारी
जागरण संवाददाता इटावा लंबे समय से अतिक्रमण की मार से कराह रहे शहर को स्थाई रूप से
जागरण संवाददाता, इटावा : लंबे समय से अतिक्रमण की मार से कराह रहे शहर को स्थाई रूप से निजात नहीं मिल सकी है। हालत यह है कि नगर पालिका परिषद के लाख प्रयास के बाद भी शहर के बाजार को अतिक्रमण से मुक्ति नहीं मिल सकी है। इससे जाहिर होता है कि नगर पालिका प्रशासन पर अतिक्रमणकारी भारी पड़ रहे हैं।
व्यापारिक स्पर्धा के चलते शहर के अनेक व्यापारी अपने व्यापारिक प्रतिष्ठानों की क्षमता से अधिक सामान मंगा कर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए फुटपाथ पर ही सजा लेते हैं। इसके विपरीत बहुत से दुकानदार तो अपनी दुकान के आगे किराया लेकर फुटपाथ को ही बेंच देते हैं। जिससे फुटपाथ का अतिक्रमण जाम का कारण बनता है। हाथ ठेलों के लिए नहीं बना ठेला जोन : अतिक्रमण के लिए सबसे बड़ा जिम्मेदार हाथ ठेला को माना जाता है। यह लोग मुख्य बाजारों में फुटपाथ पर स्थाई रूप से खड़े होकर यातायात को अवरूद्ध कर रहे हैं। नगर पालिका का कहना है कि पालिका द्वारा ठेले वालों से कोई तह बाजारी नहीं ली जाती है। अगर उनका कहना सही है, तो पालिका ठेलों से फुटपाथ को क्यों मुक्त नहीं करा पा रही है, यह शहर में चर्चा का विषय बना रहता है। पूर्व में चले अतिक्रमण अभियानों के दौरान प्रशासन व नगर पालिका ने तंग बाजार से अलग हाथ ठेला जोन बनाने का निर्णय लिया था, लेकिन ऐसा अब तक नहीं हो सका। ठेला वालों को स्थाई खड़ा होने का प्रावधान नहीं है, लेकिन यह लोग हठधर्मी से फुटपाथ पर ही स्थाई डेरा जमाकर अतिक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं। नगर पालिका के फरमान का असर नहीं : कहने को तो नगर पालिका परिषद साल में कई बार शहर में नाली से नाली के बीच अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाती है, लेकिन इन अभियानों का कोई असर नहीं होता है। अमूमन देखा गया है कि अभियान के आगे निकलते ही अतिक्रमणकारी दोबारा काबिज हो जाते हैं। परेशानी बना ऑटो वाहनों का अतिक्रमण : शहर में अतिक्रमण के लिए दुकानदार के अलावा दीमक की तरह तैरते ऑटो भी कम नहीं हैं। ऑटो चालकों के लिए रूट व स्टैंड का निर्धारण नहीं होने से शहर की सड़कों पर जहां चाहे आड़ा तिरछा खड़ा करके यातायात अवरुद्ध कर देते हैं। इन पर भी नगर पालिका का कोई नियंत्रण नहीं रहा है। प्रशासन द्वारा निर्धारित रुट पर चलने मे ऑटो चालक अपनी तौहीन समझते हैं। नगर पालिका परिषद द्वारा तहबाजारी खत्म कर दी गई है उसके बाद अस्थाई दुकानदारों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। पालिका प्रशासन अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाने को कटिबद्ध है तथा सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। - अनिल कुमार अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद