डॉक्टर की सलाह---हल्के लक्षण को भी नजर अंदाज न करें, जांच कराएं
संवाद सहयोगी सैफई पहली लहर की तुलना में इस बार कोविड स्ट्रैन कई गुना ज्यादा तेजी से लोग
संवाद सहयोगी, सैफई : पहली लहर की तुलना में इस बार कोविड स्ट्रैन कई गुना ज्यादा तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है। ऐसे में हल्के लक्षण को भी नजरअंदाज न करें। कोरोना संक्रमण की जांच कराएं एवं एसपीओ टू को चेक करते रहें और कम होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। यह कहना है उप्र आयुर्विज्ञान विवि सैफई के रेस्प्रेटरी मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आदित्य गौतम का। उन्होंने बताया कि दूसरी लहर का कोरोना संक्रमण मरीजों में विभिन्न प्रकार के लक्षण उत्पन्न कर रहा है। जो सर्दी, खांसी, सीने में दर्द, सांस की दिक्कत होना, थकान महसूस होना, आंखों में लालपन, त्वचा पर चकत्तों का होना, उल्टी, पेट दर्द एवं दस्त है। दिल्ली, महाराष्ट्र एवं राजस्थान में बच्चों एवं युवाओं में नये लक्षण को भी देखा गया है, जिसे 'हैप्पी हाईपॉक्सियां' नाम दिया गया है। बच्चों एवं युवाओं की इम्युनिटी अच्छी होती है और वे ज्यादा ऐनरजेटिक होते हैं। जिस कारण इनमें संक्रमण होने के बावजूद तथा उनका एसपीओ टू लेवल 80 प्रतिशत तक पहुंचने पर भी उनमें ज्यादा लक्षण नहीं दिखते हैं या फिर बहुत हल्के लक्षण होते हैं, जिन्हें वे नजरअंदाज कर देते हैं और उन्हें लगता है वो ठीक हैं। इस कारण कुछ लोगों की अचानक मृत्यु हो जाती है अथवा जब तक उनमें कोरोना संक्रमण का पता चलता है, तब तक उनके फेफड़े काफी इनफेक्ट हो चुके होते हैं और दिल एवं गुर्दे भी संक्रमित हो चुके होते हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के इलाज में स्ट्रायड की महत्वपूर्ण भूमिका है। लेकिन यदि इसे सही डोज एवं अवधि के लिए न लें तो इसके सीरियस साइड इफेक्ट भी होते हैं। मसलन, शुगर लेवल बढ़ जाना, ब्लड प्रेशर बढ़ जाना, मुंह में छालों का होना, बैक्टीरियल एवं फंगल इंफेक्शन हो जाना, हड्डियों का कमजोर होना। इसलिए इसका उपयोग कभी स्वंय न करें। डॉक्टर से परामर्श करके ही दवाइयां लें। 18 वर्ष से कम एवं गर्भवती महिलाएं तथा शिशुओं को स्तनपान कराने वाली महिलाओं को छोड़कर सभी को सरकार की गाइडलाइन के अनुसार वैक्सीनेशन कराना चाहिए।