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मॉडल पार्क के लोकार्पण में सूखे पौधे देख डीएम नाराज

संवाद सहयोगी ऊसराहार ताखा के नगला ढकाऊ में मॉडल पार्क के लोकार्पण में सूखे पौधे

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 07:47 PM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 05:01 AM (IST)
मॉडल पार्क के लोकार्पण में सूखे पौधे देख डीएम नाराज
मॉडल पार्क के लोकार्पण में सूखे पौधे देख डीएम नाराज

संवाद सहयोगी, ऊसराहार : ताखा के नगला ढकाऊ में मॉडल पार्क के लोकार्पण में सूखे पौधे देख जिलाधिकारी श्रुति सिंह ने नाराजगी जाहिर की। मौजूद अधिकारियों और ग्राम प्रधान से जवाब तलब किया। आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को और अधिक रोजगार उपलब्ध कराए जाने पर जोर दिया। कार्यक्रम स्थल पर महिला ग्राम प्रधान के मौजूद नहीं होने पर उनके पति को आगे के कार्यक्रमों में महिला प्रधान की सहभागिता करने के लिए कहा। जिलाधिकारी ने गुजराती गांव में आजीविका मिशन की महिलाओं से वार्ता करके उनके कार्यों के संबंध में जानकारी ली। पुरैला गांव जाकर महिला समूहों के कार्यों के बारे में पूछताछ की। बरातघर में सिलाई प्रशिक्षण की महिलाओं से ड्रेस सिलाई के बारे में पूछने पर समूह की दीपशिखा ने बताया कि कई स्कूलों में ड्रेस वितरित कर दी गई है, बाकी की सिलाई की जा रही है। जिलाधिकारी ने सरसईनावर के वेटलेंड परिसर का निरीक्षण किया। यहां बनाए गए वाच टॉवर पर चढ़कर वेटलेंड परिसर की भौगोलिक स्थिति का जायजा लिया और वन विभाग के अधिकारियों को वेटलेंड परिसर में पानी की आपूर्ति और सफाई व्यवस्था को बेहतर करने के निर्देश दिए। इस मौके पर सीडीओ राजा गणपति आर, एसडीएम ताखा सत्यप्रकाश, बीडीओ ताखा पीएन यादव, एडीओ डीसी आजीविका मिशन अंबेड, एडीओ एनआरएचएम सुरेश सैनी ब्लाक मैनेजर राहुल कुमार, ग्राम पंचायत अधिकारी अनुज श्रीवास्तव मौजूद रहे। तीन माह से मनरेगा मजदूरी न मिलने की शिकायत की

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ऊसराहार : ताखा ब्लाक के गांवों के निरीक्षण में ग्रामीणों से संवाद करने पर जिलाधिकारी से अतिक्रमण, शौचालय आवास में भ्रष्टाचार और दिल्ली से आए प्रवासी मजदूरों ने तीन माह से मनरेगा मजदूरी नहीं मिलने की शिकायत की। गुजराती गांव के बलवीर ने बताया कि वह गांव के तालाब पर अतिक्रमण की शिकायत एक वर्ष से कर रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं की जा रही है। पुरैला गांव में ग्रामीणों ने शौचालयों और आवास में भ्रष्टाचार की शिकायत की। सरसईनावर में दिल्ली से आए प्रवासी मजदूर नरेंद्र, रामदास, बैजनाथ, अवधेश, राजकुमार, रवि, दीपक नरायन आदि ने बताया कि उन्होंने दो से तीन माह तक मनरेगा में काम किया, लेकिन ग्राम पंचायत अधिकारी और रोजगार सेवक ने उनके खाते में मजदूरी नहीं दिलाई जबकि अपने चहेते मजदूरों के खाते में बिना काम के ही धनराशि डालकर बंदरबांट कर ली गई। शिकायतों के बाद भी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है।


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