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किसानों के सामने अभी भी धान बेचने का संकट

संवादसूत्र बरालोकपुर ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी किसानों के सामने धान बेचने का संकट बना हु

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 12:35 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 12:35 AM (IST)
किसानों के सामने अभी भी धान बेचने का संकट
किसानों के सामने अभी भी धान बेचने का संकट

संवादसूत्र, बरालोकपुर : ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी किसानों के सामने धान बेचने का संकट बना हुआ है। फसल की पैदावार कम होने व सही भाव न मिलने से किसान मायूस है। धान उत्पादक किसानों को सरकार लागत से दो गुना अधिक कीमत दिलवाने को लेकर सार्थक प्रयास करने का दावा कर रही है लेकिन धरातल पर हालात काफी विपरीत हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में काफी कम संख्या में धान केंद्र बनाए गए हैं। किसान मजबूरी में धान बेचने के लिए जिला मुख्यालय वाहनों से ले जा रहा है उसका भाड़ा भी उसे स्वयं देना पड़ रहा है और वाजिब मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। वहीं दूसरी तरफ मंडी गेट के सामने आये दिन जाम के हालात बने हुए हैं इसको लेकर किसान परेशान हैं। कई किसान भाव बढ़ने के इंतजार में अपनी फसल को नहीं बेच रहे हैं तो जरूरतमंद मंडी में जाकर अपनी फसल को बेच रहे हैं। शुक्रवार केा दैनिक जागरण ने किसानों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि शासन द्वारा तय किये गये समर्थन मूल्य में धान नहीं बिक रहा है। कस्बे में धान क्रय केंद्र बनाया गया है परंतु किसानों को यह जानकारी नहीं है कि यहां पर धान क्रय केंद्र बना हुआ है। पिछली वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष धान की पैदावार भी कम हुई है। दूसरी तरफ भाव ठीक न मिलने के कारण उनके परिवार के सामने भरण पोषण का संकट खड़ा हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग खेती करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। क्रय केंद्र के प्रभारी सचिव सुरजेश यादव ने बताया कि क्रय केंद्र पर खरीद मानक के अनुरूप की जा रही है। क्या कहते हैं किसान अपना 15 कुंतल धान नई मंडी इटावा में सरकारी क्रय केंद्र पर लेकर पहुंचे थे, उन्हें परेशान किया गया, काफी देर परेशान होने के बाद उन्होंने इसकी जानकारी भाजपा नेता मुकेश यादव को दी थी। उसके बाद उनका धान क्रय केंद्र पर खरीदा गया।

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मुकेश शाक्य 12 बीघा खेत में मात्र 15 कुंतल धान ही निकला, आसपास क्रय केंद्र न होने की वजह से इटावा मंडी में जाकर उसे बेच दिया। धान की फसल की इस बार लागत भी नहीं निकली है।

विनोद शाक्य कस्बे के क्रय केंद्र पर खरीद नहीं हो रही है जिसके कारण इटावा मंडी में जाकर धान को बेचना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में गेहूं व धान की फसल पर ही निर्भर है। इसी से अपने परिवार का भरण पोषण करता है।

प्रमोद प्रजापति भाव सही मिलने का हम इंतजार कर रहे हैं। अभी अपनी 25 कुंतल फसल को रोक रखा है। भाव सही मिलेगा तभी धान की बिक्री करेंगे।

कल्लू प्रजापति


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