खौफ के माहौल में 176 दिन बाद खुले परिषदीय विद्यालय
जागरण संवाददाता इटावा । 76 दिन बाद परिषदीय विद्यालय खोले गये। शिक्षक पहले ही दिन कोरोना से
जागरण संवाददाता, इटावा : । 76 दिन बाद परिषदीय विद्यालय खोले गये। शिक्षक पहले ही दिन कोरोना से खौफजदा दिखाई दिए। अव्यवस्थाओं के बीच स्कूल खोले गए। सैनिटाइजेशन की व्यवस्था भी नहीं हो सकी। शिक्षकों ने प्रशासन पर जीवन के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है।
शहर के न्यू कालोनी प्राथमिक विद्यालय बलराम सिंह चौराहा पर पहले दिन प्रधानाध्यापक शमीम अजीज ने बच्चों व उनकी माताओं को बुलाकर पुस्तकें बांटी। काजोल व अंशुल के माता पिता प्रवेश के बारे में व पढ़ाई को लेकर पहले दिन स्कूल पहुंचे।
संवाद सूत्र बकेवर के अनुसार : भरथना रोड बीआरसी परिसर में स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय और प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक प्रांगण में पेड़ के नीचे एक साथ बैठे दिखाई दिए। यहां पूर्व माध्यमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापक मौजूद मिले। 11 बजे चंदपुराशाला के उच्च प्राथमिक विद्यालय में पहुंचने पर देखा विद्यालय खुला था कुर्सियां मैदान में पड़ी थीं। विद्यालय में कमरे में मिस्त्री टाइल्स लगाने का काम कर रहे थे। पूछने पर मिस्त्री ने बताया कि अभी कुछ देर पहले शिक्षक स्कूल में ही थे। विद्यालय परिसर के ही स्थित बकेवर देहात संकुल भवन भी बंद था। कोई शिक्षक या संकुल प्रभारी नहीं थे पता चला कि संकुल प्रभारी एवं प्रधानाध्यापक अशोक यादव की माता जी की तेरहवीं होने के कारण वे छुट्टी पर थे। लेकिन विद्यालय में अन्य तैनात शिक्षक भी नहीं मिले। चंदपुराशाला के ही प्राथमिक विद्यालय में पहुंचने पर प्रधानाध्यापक शिवकुमार विद्यालय आफिस का ताला बंद कर रहे थे। विद्यालय में तैनात एक शिक्षिका प्रीति मौजूद नहीं मिली। प्रधानाचार्य शिवकुमार से पूछने पर उन्होंने संकुल पर चले जाने की बात बताई। जबकि संकुल पर कोई मौजूद नहीं था। सराय मिट्ठे प्राथमिक व जूनियर स्कूल में शिक्षक शिक्षिकाएं कमरे में बैठे बातचीत करते दिखे। किताबों के बारे में पूछने पर बताया कि अभी नहीं आई हैं। बीआरसी के बगल में स्थित उच्च प्राथमिक व प्राथमिक विद्यालय द्वितीय में शिक्षक व शिक्षामित्र विद्यालय परिसर में बैठे बातें करते रहे। इनमें से सरायमिट्ठे को छोड़कर अन्य विद्यालयों में सफाई भी नहीं हुई थी।
खंड शिक्षा अधिकारी दिग्विजय सिंह ने बताया कि सांकेतिक रूप से कुछ पुस्तकों का वितरण किया गया है। शिक्षकों को एक जुलाई से विद्यालय में प्रात: 8 बजे से दोपहर एक बजे तक रहने के निर्देश हैं। वहीं शिक्षक नेता संजय त्रिपाठी का कहना है कि बगैर सैनिटाइजेशन कराये स्कूल खोलने का सरकारी फरमान शिक्षकों के साथ न इंसाफी है। क्योंकि अधिकतर स्कूल क्वारंटीन सेंटर बनाए गए थे इसलिए सैनिटाइजेशन कराना जरूरी था।
संवाद सहयोगी, भरथना के अनुसार : पूर्व माध्यमिक विद्यालय बेर के प्रधानाध्यापक सुरेंद्र यादव पप्पू तथा प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापक ममता यादव ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी राजेश चौधरी के निर्देशन पर बुधवार को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए अभिभावकों को पुस्तकों का वितरण किया गया है। स्काउट एवं गाइड ने विद्यालय को किया सैनिटाइज
स्काउट एवं गाइड द्वारा परिषदीय विद्यालयों को सैनिटाइज किया गया। स्काउट मास्टर विपिन मिश्रा ने प्राथमिक विद्यालय नगला खादर में सैनिटाइजर का छिड़काव कर विद्यालय परिसर का सैनिटाइजेशन किया और रस्सी बांधकर एरिया डिवाइड किया जिससे शारीरिक दूरी बनी रहे। इस कार्य में शिक्षिका रुचि प्रिया, रि•ावान खालिद, अनीता आदि का सहयोग रहा। प्रधानाध्यापक विपिन मिश्रा ने बताया विद्यालय गेट पर निर्देशित कर दिया गया है कि विद्यालय परिसर में मास्क पहनकर ही प्रवेश होगा। हाथों के लिए गेट के पास ही सैनिटाइजर उपलब्ध है। नगला गौर में गाइड कैप्टन शशि प्रभा ने सैनिटाइजेशन कराया। गाइड कैप्टेन मंजूलता राजपूत ने शिक्षिका बेबी के सहयोग से प्राइमरी स्कूल एवं जूनियर स्कूल शांति कालोनी के परिसर में सैनिटाइजेशन कराया।