घने कोहरे के बाद शीतलहर ने कंपाया
जागरण संवाददाता इटावा कड़ाके की सर्दी का कहर बढ़ता ही जा रहा है तड़के घना कोहरा छाने से आवागमन प्रभावित हुआ। सारा दिन पांच से छह किमी की स्पीड से शीतलहर चलने से आवागमन करने वालों का बुरा हाल था। तापमान
जागरण संवाददाता, इटावा : कड़ाके की सर्दी का कहर बढ़ता ही जा रहा है, तड़के घना कोहरा छाने से आवागमन प्रभावित हुआ। सारा दिन पांच से छह किमी की स्पीड से शीतलहर चलने से आवागमन करने वालों का बुरा हाल था। तापमान सुबह न्यूनतम 6 तो दोपहर में अधिकतम 17 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दोपहर से अपराह्न के मध्य सूरज चमके इससे चाहरदीवारी के अंदर ही राहत मिली। शाम चार बजे से फिर से आसमान में बर्फीले बादल छाने से जिससे सर्दी की सिहरन और ज्यादा बढ़ गई।
हाड़कंपाऊ सर्दी से जनजीवन फिर से अस्त-व्यस्त बना हुआ है, सुबह पांच से नौ बजे के मध्य छाए घने कोहरे से सड़कों पर आवागमन प्रभावित हो गया। अधिकतर भारी वाहन ढाबों तथा सड़क किनारे खड़े हो गए। विवशता के तहत आवागमन करने वाले दो पहिया वाहन सवारों का बुरा हाल था जिसे देखो वही कंपकंपाता नजर आ रहा था। दोपहर 12 बजे सूरज की चमक हुई जो अपराह्न तीन बजे तक कायम रही। इस दौरान चाहरदीवारी के अंदर ही लोग धूप का आनंद ले सके, बाहर शीतलहर चलने से धूप का कोई असर नजर नहीं आया। जंक्शन के प्लेटफार्मों पर भी शीतलहर का असर नजर आया, ट्रेनों का इंतजार कर रहे अधिकांश यात्री कड़ाके की सर्दी का अहसास कर रहे थे। शाम होने से पूर्व ही आसमान में छाए बर्फीले बादलों से चारों ओर अंधेरा सा छा गया, सड़कों पर सन्नाटा सा पसर गया।
तूफान मेल सहित सात ट्रेनें निरस्त
मौसम की मार से सोमवार को लेकर इटावा जंक्शन पर ठहराव करने वाली तूफान, गोमती, महानंदा, इंटरसिटी, फरक्का, ऊंचाहार तथा कैफियात एक्सप्रेस निरस्त कर दी गई। गाजीपुर-बांद्रा एक्सप्रेस 8, मगध 7, अवध 6, कानपुर-आगरा पैसेंजर 3, कालका मेल 2, नार्थ-ईस्ट 3, बैशाली, पूर्वा, संगम, मुरी सहित अन्य ट्रेनें डेढ़ से दो घंटे की देरी से चल रही थीं। इससे अधिकांश यात्री परेशान नजर आए। सात ट्रेनों के निरस्त होने से अधिकांश यात्री अन्य संसाधनों से अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए।
कड़ाके की ठंड, प्रशासन बेखबर
बीते तीन दिनों से वातावरण में कड़ाके की सर्दी कायम है। इसके बावजूद प्रशासन बेखबर बना हुआ है, सार्वजनिक स्थानों पर न तो अलाव जलवाए गए और न ही रैन बसेरों पर तवज्जो दी गई। दूसरी ओर विद्यालयों का अवकाश न किए जाने से बच्चों को भी सर्दी से कंपकंपाते देखा गया।