विद्यालयों में मिली जल निकासी की समस्या
जासं इटावा राज्य परियोजना कार्यालय से वरिष्ठ सलाहकार डीबी शर्मा द्वारा कस्तूरबा गांधी आवा
जासं, इटावा : राज्य परियोजना कार्यालय से वरिष्ठ सलाहकार डीबी शर्मा द्वारा कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय नगर क्षेत्र एवं ताखा का सघन निरीक्षण किया गया। उन्होंने प्रमुख सचिव द्वारा दिए गये निर्देशों के क्रम में उपजिलाधिकारी ताखा के द्वारा निरीक्षण में बताई गई कमियों को दूर किया गया देखा। साथ ही कस्तूरबा की वार्डन ताखा व नगर क्षेत्र द्वारा विद्यालयों में जल निकासी की प्रमुख समस्या बतायी गई। इस पर कार्यालय स्तर से दूर करने का आश्वासन दिया गया।
निरीक्षण के क्रम में वरिष्ठ सलाहकार द्वारा सर्व शिक्षा अभियान समेकित शिक्षा के अंतर्गत 6 से 14 वर्ष के विशिष्ट आवश्यकता वाले (दिव्यांग) के लिए जनपद स्तर पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट परिसर) में संचालित एक्सीलेरेटेड लर्निग कैंप में दिव्यांग बच्चों के प्रत्येक कक्षा-कक्ष में जाकर शैक्षणिक निरीक्षण किया गया। विद्यालय में नामांकित कुल 60 बच्चों के सापेक्ष 45 बच्चे उपस्थित पाए गये, जिसमें कुछ बच्चे अपने-अपने विकास खंडों के विद्यालयों में हो रही वार्षिक परीक्षा में प्रतिभाग करने गये हैं। श्रवण बाधित बच्चों की कक्षा-कक्ष 6, 7, 8 में उनके द्वारा छात्राओं की कला एवं शैक्षणिक पुस्तकें देखी गई। बालिकाओं की बनी कलाकृतियों की सराहना की गई।
निरीक्षण में जिला समन्वयक बालिका शिक्षा विकास सक्सेना और साथ में जिला समन्वयक (समेकित शिक्षा) अर्चना सिन्हा उपस्थित रहीं। कैंप में अतुल कुमार, नीलेश कुमार, सुनील कुमार, रामकुमार यादव वार्डन धर्मेन्द्र कुमार और केयर टेकर सुषमा, विमला देवी व राकेश मौजूद रहे। दिव्यांग बच्चों की शैक्षणिक उपलब्धि ने किया प्रभावित
निरीक्षण में मूक बधिर बालिकाओं द्वारा उच्चारण करते हुए लखनऊ, आगरा, कानपुर और अपना नाम, पिता का नाम, विकास खंड का नाम हिन्दी व अंग्रेजी में लिखकर बताया गया। इसी प्रकार ²ष्टिबाधित बच्चों के कक्षा-कक्ष कक्षा एक में अध्ययन कर रहा ओजस द्वारा ब्रेललिपि के सभी डाट बिन्दु का उच्चारण कर सुनाया गया। साथ ही ²ष्टिहीन बच्ची राधिका द्वारा 33 तक पहाड़ा तथा कक्षा-7 की पाठ्य पुस्तक को ब्रेल में पढ़कर सुनाया। शर्मा ने इन दिव्यांग बच्चों की शैक्षणिक उपलब्धि से प्रभावित होने के साथ ही दिव्यांग बच्चों की शिक्षा को देखते हुए चिता भी व्यक्त की कि इन बच्चों का आगे का भविष्य का अर्थात कक्षा 9, 10 की पढ़ाई के लिए भी सोचना पड़ेगा। समग्र शिक्षा अभियान की बैठक आचार संहिता के बाद की जाएगी जिसमें कमेटी में इसका प्रस्ताव रखा जाएगा।