सामूहिक विवाह समारोह में अव्यवस्था,जताया आक्रोश
संवाद सहयोगी, ऊसराहार : ताखा विकास खंड मुख्यालय पर आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में 51 ज
संवाद सहयोगी, ऊसराहार : ताखा विकास खंड मुख्यालय पर आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में 51 जोड़ों के सापेक्ष 41 जोड़े ही विवाह स्थल पर पहुंचे। कार्यक्रम स्थल पर फैली अव्यवस्था को लेकर नवविवाहित जोड़ों के साथ आए हुए रिश्ते नातेदारों ने आक्रोश प्रकट किया। इसके साथ ही कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित न किए जाने को लेकर भाजपा मंडल अध्यक्ष ने मुख्य विकास अधिकारी से शिकायत की। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में 41 जोड़ों ने एक-दूसरे का दामन थामा। 30 जोड़ों का ¨हदू विवाह पद्धति से जबकि 11 जोड़ों की मुस्लिम विवाह पद्धति से शादी हुई। कार्यक्रम स्थल पर समाज कल्याण विभाग द्वारा कराए गये इंतजामों से नाखुश परिजनों ने प्रशासन पर बद इंतजामी करने का आरोप लगाया। साथ ही दिए गये सामान जिनमें बक्सा तोड़ियां बिछिया टंकी आदि की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाया। इसकी शिकायत भी उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों से की। कार्यक्रम में जन प्रतिनिधियों को आमंत्रित न किए जाने से आक्रोशित भाजपा मंडल अध्यक्ष राहुल राज ¨सह, मंडल महामंत्री संजू बाबू शाक्य ने जिलाध्यक्ष शिवमहेश दुबे से शिकायत की। जिस पर मुख्य विकास अधिकारी से शिकायत कर पूरे मामले से मुख्यमंत्री को अवगत कराने का निर्णय लिया गया। कार्यक्रम में उपजिलाधिकारी ताखा सत्यप्रकाश ने जोड़ों को आशीर्वाद दिया। उनका कहना था कि समाज कल्याण विभाग द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया था, किसको निमंत्रण भेजा जाना था यह विभागीय लोग तय कर रहे थे। इसलिए आमंत्रित नहीं किए गये जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में सत्ता दल के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित न किए जाने के पीछे छह माह पुराना विवाद माना जा रहा है। तब सामूहिक विवाह कार्यक्रम में जसवंतनगर से सपा विधायक शिवपाल ¨सह यादव और जसवंतनगर से भाजपा प्रत्याशी रहे मनीष यादव पतरे को तत्कालीन खंड विकास अधिकारी धर्मवीर यादव ने आमंत्रित किया था। एक ही मंच पर दोनों दलों के नेताओं को आमंत्रित किए जाने के बाद उपजे विवाद और शिवपाल ¨सह यादव के मौके पर पहुंचने की सूचना पर प्रशासन ने आनन-फानन में कार्यक्रम रद कर दिया था और टेंट उखड़वा लिया था। हालांकि मौके पर पहुंचे शिवपाल ¨सह यादव ने कार्यक्रम को रद करने को लेकर नाराजगी जताई थी। कार्यक्रम के रद होने की गाज खंड विकास अधिकारी धर्मवीर यादव पर पर गिरी, उन्हें तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया था। इसके बाद प्रशासन ने किसी दल के नेता को आमंत्रित न करने में ही समझदारी मानी।