मजलिसें देती हैं आपसी सौहार्द का संदेश
जासं, इटावा : ग्यारहवें इमाम हसन अस्करी की शहादत पर दरगाह ह•ारत अब्बास अलमदार महेरे पर
जासं, इटावा : ग्यारहवें इमाम हसन अस्करी की शहादत पर दरगाह ह•ारत अब्बास अलमदार महेरे पर विकार हुसैन की ओर से मजलिस का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों महिलाओं एवं पुरुषों ने शिरकत कर ताबूत की जियारत की।
मौलाना अबूजर अब्बास खान जौनपुरी ने मजलिस में तकरीर करते हुए कहा कि मजलिसें मातम अजादारी सारी दुनिया को एकता व आपसी सौहार्द का संदेश देती हैं। मजलिसों में आने के लिए धर्म मजहब की कोई बंदिश नहीं है, मजलिसों में कोई भी आ सकता है। उन्होंने कहा जमीने कर्बला जन्नत का टुकड़ा है।
इससे पूर्व तसलीम रजा, सलीम रजा, आलिम रिजवी ने सोज ख्वानी से मजलिस की शुरुआत की। खुर्शीद जाफरी सहित बच्चों ने सलाम व रुबाई पेश कीं। राहत अकील, शावे•ा नकवी, विकार हुसैन, सोनू नकवी ताबूत को मातमी नोहा ख्वानी के साथ मस्जिद से हजरत अब्बास की दरगाह तक लेकर आए। मजलिस में मौलाना सैयद अनवारुल हसन जैदी, हाजी अरशद मरगूब, हाजी रईस जाफरी, गुलामुस सैयदेन, नजमुल हसन, असद सुल्तान, कैसर, अली, एसएम हादी, कुमेल, आमिल रिजवी आदि ने शिरकत की।