पराभाव की ओर ले जाती इंद्रियों की रुचिता
जागरण संवाददाता, इटावा : नीति प्राणी को मन और इंद्रियों को नियंत्रित कर सन्मार्ग पर ले जाती ह
जागरण संवाददाता, इटावा : नीति प्राणी को मन और इंद्रियों को नियंत्रित कर सन्मार्ग पर ले जाती है जिससे अविचल भाव प्रकट होते हैं, जबकि इंद्रियों की रुचिता प्राणी के पराभव का कारण अहंभाव जाग्रत होता है। यह विश्लेषण कथा वाचक आचार्य बृज किशोर वशिष्ठ ने ग्वालियर रोड स्थित श्री सिद्ध गुफा जीव रक्षा गौशाला में स्वामी शंभूनाथ महाराज के सानिध्य में चल रही नौ दिवसीय भागवत कथा के चौथे दिन ध्रुव चरित्र पर संगीतमय व्याख्यान देते हुए किया।
कथा रसिक हरिदास विनोद कुमार द्विवेदी के अनुसार आचार्य बृजकिशोर वशिष्ठ ने नर¨सह अवतार, कपिलोपाख्या में सांख्यदर्शन, ऋषभ अवतार, जड़भरत, परशुराम और रामावतार सहित प्रथम से नवम स्कन्द तक की कथाएं संगीतमय ढंग से संक्षेप में भी प्रस्तुत की। इस अनुष्ठान में उपव्यास विनोद विहारी भागवत पाठ कर रहे हैं। इस दौरान प्रसंग से संबंधित मनोहर झांकियों का भी प्रदर्शन किया गया। अंत में परीक्षित दंपती मंजुला-रमेश चन्द्र द्विवेदी, अशोक शर्मा आदि ने आरती की।