मौसम में बदलाव से किसानों के चेहरों पर चिता की लकीरें
जागरण संवाददाता इटावा शुक्रवार को तड़के आसमान में घने बादल छाने तथा यदाकदा हल्की बूं
जागरण संवाददाता, इटावा : शुक्रवार को तड़के आसमान में घने बादल छाने तथा यदाकदा हल्की बूंदाबांदी से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। इसके तहत सुबह न्यूनतम 17 तो दोपहर में अधिकतम 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बीते सप्ताह से अधिकतम तापमान से 33 से 35 डिग्री तक पहुंच रहा था। सारा दिन 8 से 10 किमी की स्पीड से हवा चलने से वातावरण में ठंडक महसूस की गई। बूंदाबांदी से फसलों पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ा बल्कि पक रही गेहूं की फसल को पर्याप्त नमी मिल गई है। इसके बावजूद मौसम के बदलाव को लेकर किसानों के चेहरों पर चिता की लकीरें साफ दिखाई दे रही है।
बीते सप्ताह से सारा दिन गर्मी का अहसास कर रहे जनमानस को मौसम के बदलाव से राहत मिल गई, शुक्रवार को सारा दिन मौसम ने जो मिजाज प्रदर्शित किया उससे किसान चितित हो रहे हैं। जनपद में करीब एक लाख हेक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल तेजी से पक रही है। करीब 20 हजार हेक्टेयर में आलू का उत्पादन किया गया है। करीब 13 हजार हेक्टेयर भूमि आलू की खोदाई जारी है। 14 हजार हेक्टेयर भूमि में तिलहन-दलहन की फसल तैयार की जा रही है। इसमें सरसों की फसल की कटाई हो रही है। हल्की बूंदाबांदी तथा हवा से कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन तेज हवा के साथ बारिश होने पर आम के पेड़ों पर आए बोर के झड़ने तथा सभी फसलों में नुकसान होने की आशंका सभी को सता रही है।
बीते आठ दिनों के तापमान की स्थिति
तिथि न्यूनतम अधिकतम
04 मार्च 14 33
05 मार्च 13 33
06 मार्च 15 33
07 मार्च 17 35
08 मार्च 17 34
09 मार्च 17 35
10 मार्च 17 34
11 मार्च 19 34
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अभी फसलों को नुकसान नहीं
जिला कृषि अधिकारी अभिनंदन सिंह का कहना है कि बीते गुरुवार की रात से आसमान में बादल छाए जिससे शुक्रवार को हल्की बूंदाबांदी हुई तो कहीं-कहीं तेज हवा चली। समूचे जनपद में मौसम के बदलाव का फसलों पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ा। तेज हवा तथा बारिश नुकसान कर सकती है।
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आलू की खोदाई होगी प्रभावित
जिला उद्यान अधिकारी राजेंद्र कुमार साहु का कहना है कि हल्की बूंदाबांदी से कोई असर नहीं है। तेज हवा के साथ बारिश होने पर आलू की खोदाई प्रभावित होगी साथ आम के पेड़ों पर आया बोर झड़ सकता है, अन्य सब्जियों की फसल भी प्रभावित होगी। अभी तक के मौसम से कोई नुकसान नहीं है।
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दोनों ओर की हवा से दबाव
कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडेय का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ बनने से हिमांचल-उत्तरांचल तथा जम्मू-कश्मीर का क्षेत्र बर्फबारी और बारिश से प्रभावित है उसका असर एनसीआर तक है। दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की ओर से तेज हवा चल रही है। दोनों ओर की हवाएं मैदानी क्षेत्र गंगा के दक्षिणी और यमुना नदी के उत्तरी दिशा में टकराकर दबाव बना रही हैं। इससे अलीगढ़ से लेकर लखनऊ, प्रयागराज तथा बुंदेलखंड में तेज हवा के साथ बारिश, ओलावृष्टि हो सकती है। बीते बुधवार से मौसम प्रभावित है जो आगामी एक-दो दिन और रहेगा।