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सैफई विवि के कुलपति हुए कोरोना संक्रमित, गए छुट्टी पर

संवाद सहयोगी सैफई उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. राजकुमार कोर

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 06:35 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 07:22 PM (IST)
सैफई विवि के कुलपति हुए कोरोना संक्रमित, गए छुट्टी पर
सैफई विवि के कुलपति हुए कोरोना संक्रमित, गए छुट्टी पर

संवाद सहयोगी, सैफई : उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. राजकुमार कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद छुट्टी पर चले गये। शासन ने उनका अवकाश मंजूर कर दिया। शनिवार को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्होंने शासन से अवकाश मांगा था। रविवार को प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने आदेश जारी कर दिया। कुलपति का कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो रहा था। तब तक के लिए प्रति कुलपति डॉ. रमाकांत यादव को चार्ज सौंपा गया है। प्रति कुलपति डॉ. रमाकांत यादव ने बताया है कि कुलपति प्रो. डॉ. राजकुमार कोरोना संक्रमित हो गए थे। इसलिए उन्होंने अवकाश पर जाने की अनुमति मांगी थी। शासन ने इसको स्वीकार कर लिया है। शासन द्वारा नए कुलपति की चयन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही नए कुलपति का चयन हो जाएगा। अब अवकाश पर ही शेष कार्यकाल शासन ने सैफई विश्वविद्यालय इटावा अधिनियम 2015 की धारा 11(10) के अंतर्गत विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति को 31 मई अथवा नये कुलपति की नियुक्ति तक अथवा जो भी पहले हो के लिए कुलपति के कर्तव्यों के निर्वहन हेतु अधिकृत किये जाने का निर्णय लिया है। पत्र के अंत में लिखा है कि सैफई यूनिवर्सिटी के वर्तमान कुलपति को बचे शेष कार्यकाल हेतु अवकाश पर जाने हेतु अनुरोध किया जाता है और वह तत्काल प्रभाव से अवकाश पर माने जायेंगे। साथ ही निर्देश जारी किया गया कि शासन की ओर से लिए गये निर्णय अनुपालन सुनिश्चित करन का कष्ट करें। यूनिवर्सिटी की हो रही थीं लगातार शिकायतें पिछले महीने से सैफई यूनिवर्सिटी में कोरोना महामारी के कारण सामान की कमी लगातार बनी हुई थी। ऑक्सीजन की कमी, सेनेटाइजर, मास्क, ग्लब्स, पीपीई किट और जीवन रक्षक दवाओं की कमियों को लेकर शासन नाराज भी हुआ। सूत्र बताते हैं कि पिछले महीने शासन से विश्वविद्यालय को 5 करोड़ 75 लाख का बजट दिया गया, जिसमें 50 लाख की दवाएं, 1 करोड़ 25 लाख पीपीई किट के लिये और 4 करोड़ टेस्ट किट के लिये दिये गये, लेकिन उसके बाद भी यूनिवर्सिटी में दवा और सामान के लिये हा-हाकार मचा रहा। जिसका नतीजा यह हुआ कि जूनियर डॉक्टरों को सामान उपलब्ध न होने की वजह से हड़ताल भी करना पड़ी। जिसकी कई लिखित शिकायतें शासन को भेजी गयीं। जबकि कोविड-19 की पहली लहर में विश्वविद्यालय ने नाम कमाया था। कुलपति ने मरीजों का इलाज राजवटी व काढ़ा से किया था जिसकी प्रशंसा की गई थी। चर्चा में रहा राजकुमार का कार्यकाल सैफई चिकित्सा विश्वविद्यालय में 1 जून 2018 को प्रो. डॉ. राजकुमार ने कुलपति के पद का कार्यभार ग्रहण किया था। सितंबर 2018 में ओएसडी के पद पर जयशंकर प्रसाद की नियुक्ति के संबंध में, अगस्त 2019 में एमबीबीएस छात्रों के साथ रैगिग प्रकरण को लेकर जोरों पर चर्चा में छाए थे। लंबे समय से विश्वविद्यालय में सफाई कार्य देख रही फर्म मैसर्स साबरी चौधरी को विश्वविद्यालय से हटाने के दौरान चर्चाओं में आए, चीफ फाइनेंस गुरजीत सिंह कलसी को सेवानिवृत्त होने पर ओएसडी के पद पर नियुक्ति करना विश्वविद्यालय के कार्डियोलॉजिस्ट डा. समीर सर्राफ के निलंबन को लेकर भी चर्चा में रहे। उनके तीन वर्ष के कार्यकाल में 50 से अधिक फैकेल्टी इस्तीफा देकर चले गये। अंत में कुलपति ने यहां से जाने वाले स्टाफ को एनओसी देने से ही मना कर दिया।

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