दो गोलियां लगने पर जान बचाने को बाइक से भागा अतुल
संवाद सहयोगी सैफई (इटावा) सुबह के करीब 10 बजते ही ललखौर गांव अचानक 12 राउंड गोलियों
संवाद सहयोगी, सैफई (इटावा) : सुबह के करीब 10 बजते ही ललखौर गांव अचानक 12 राउंड गोलियों की तड़तड़हाट से गूंज उठा था। कार से आए हेड कांस्टेबल के स्वजन को संभलने का मौका भी नहीं दिया गया। कार में उसकी पत्नी और दो बेटे थे। हेड कांस्टेबल के भाई और भतीजों की तरफ से की गई ताबड़तोड़ फायरिग से मां-बेटे को कार से उतरने का मौका नहीं दिया गया। दो गोलियां लगने से घायल अतुल दुबे जान बचाने के लिए गांव वाले की बाइक लेकर खुद ही मेडिकल यूनिवर्सिटी सैफई की तरफ दौड़ा। सूचना पर पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और अतुल की घायल मां मिथलेश और बड़े भाई अरविद को लेकर मेडिकल यूनिवर्सिटी पहुंची जहां डाक्टर ने अरविद को मृत घोषित कर दिया। सैफई थाना पुलिस ने ललखोर गांव में फौरी जांच की तो यह बात सामने आई कि उमाकांत दुबे ने अपने हेड कांस्टेबल भाई रमाकांत दुबे के परिवार को बंटवारे के हिसाब से बुलाया था लेकिन यकायक हमला बोल दिया। इससे रमाकांत का एक बेटा मारा गया और पत्नी व छोटा बेटा घायल हो गए। दोनों परिवारों के बीच जिस जमीन को लेकर विवाद है, वह 12 बीघा के आसपास है। रमाकांत का परिवार इटावा के गांधीनगर में रहता है और ललखोर गांव में खेतीबाड़ी होने के कारण आता-जाता रहा है। मारे गए अरविद की शादी दस साल पहले हुई थी। उसके छह साल का एक बेटा है। घायल अतुल दुबे का जसवंतनगर में कृष्णा ऑटो नाम से हीरो मोटर साइकिल की एजेंसी है।