दीप्ति के वैभव से प्रफुल्लित है तारामंडल
इटावा, हमारे प्रतिनिधि : स्टेडियम में चल रही नक्षत्रशाला में बताया गया कि आकाश में चांद तारों की दुनिया में प्रकृति के रहस्य छिपे हैं। सूर्य हर रोज सुबह उगता है, शाम को छिप जाता है। चंद्रमा कभी शाम को ही दिखाई पड़ जाता है, कभी देर रात उगता है, तो कभी सुबह के उजाले में भी सफेद सा दिखाई दे जाता है। इतना ही नहीं, यह कभी छोटा और कभी बड़ा हो जाता है। पहले-पहले सभी तारे एक से लगते हैं, जैसे मेले की भीड़ में सब कोई एक जैसे दिखाई देते हैं और यदि आसमान को रोज-रोज देखा जाए तो अलग-अलग तारों और ग्रहों की पहचान होने लगती है। कोई तारा या ग्रह लाल रंग लिए हुए है तो कोई सफेद। कोई दीप्ति के वैभव से प्रफुल्लित है तो कोई मंद-मंद मुस्कराता है।
इस झिलमिल संसार की सैर कराने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी संचार परिषद व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उप्र के उत्प्रेरक एवं समर्थन से जिलाधिकारी के प्रयासों से आयोजित इन्द्रधनुष विज्ञान मेले में इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला लखनऊ के सहयोग से स्टेडियम में नक्षत्रशाला को व्यवस्थित किया गया है।
वैज्ञानिक अधिकारी शनि कुमार बांदा ने बताया कि हमारा सौर परिवार एक प्रखर आग के विशाल गोले सूर्य का चक्कर लगा रहा है। जो पृथ्वी से लगभग 15 करोड़ किमी दूर है। सूर्य के अन्दर जो आग है वह परमाणु ऊर्जा है। इसकी सतह का तापमान 6000 डिग्री सेल्सियस है।
विज्ञान प्रदर्शनी की एसएमजीआई के चेयरमैन विवेक यादव, प्रधानाचार्य व संयोजक डा. आनंद ने अवलोकन करके छात्रों का उत्साहवर्धन किया।
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