सरकारी अस्पतालों में 211 कन्याओं की गूंजी किलकारी
ओम प्रकाश बाथम इटावा शासन के निर्देश पर जिले में चल रहे बेटी-बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के
ओम प्रकाश बाथम, इटावा
शासन के निर्देश पर जिले में चल रहे बेटी-बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के सार्थक परिणाम अब सामने आने लगे हैं। गांव-गांव व कस्बों के लोग भी अब कन्याओं को महत्व देने लगे हैं। जिला प्रशासन हो अथवा स्वास्थ्य विभाग इस समय कन्याओं को जन्म देने पर जोर दे रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण है कि इस वर्ष नवरात्रि में ही जिले के सरकारी अस्पतालों में 17 से 24 अक्टूबर के मध्य 211 कन्याओं के जन्म लेने से इस मुहिम को बल मिला है।
परिवार नियोजन के क्षेत्र में जहां स्वास्थ्य विभाग अनेक योजनाएं चला रहा है वहीं बेटी बचाने के लिए भी प्रयासरत है। विभाग ने हर गांव में आशा बहुओं को भेजकर गर्भवती महिलाओं की काउंसिलिंग कराके उनको गर्भपात के प्रति सजग करते हुए इसके दुष्परिणामों से भी अवगत करा दिया है। गांव में अब सरकार की मुहिम का असर दिखाई देने लगा है। शायद इसी लिए गांव में भी कन्या के जन्म पर पुत्र जन्म जैसा उल्लास देखने को मिलता है।
अशोक नगर निवासी दीपेश का कहना है कि कन्या का जन्म किसी भी सूरत में बुरा नहीं होता है। बेटी को भगवान का स्वरूप मानकर ही पुत्रवत सेवा करूंगा।
जन्म लेने वाली कन्याएं
सीएचसी भरथना --- 34
राजपुर ------ 12
उदी ----------- 11
बसरेहर -------- 38
महेवा ---------- 18
महिला जिला अस्पताल------ 48
मड़ैया शिव नारायण -- 2
ताखा ------------------ 24
जसवंतनगर ----------- 24
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एनएस तोमर ने बताया कि सरकार के निर्देश पर बेटी बचाने के सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। गर्भपात व अल्ट्रा साउंड पर लिग परीक्षण पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई। इसी लिए कन्याओं की किलकारियां गूंजने लगी हैं।