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दो छोटे कमरों के प्राइमरी स्कूल में पढ़ रहे 110 बच्चे

कांसीराम कालोनी (टीबी हास्पिटल के पीछे) के निर्धन बच्चे सर्व शिक्षा अभियान के तहत मिलने वाली बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। दो छोटे कमरों में चल रहे प्राइमरी विद्यालय में 110 बच्चे बैठने को लाचार हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 09:53 PM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 06:05 AM (IST)
दो छोटे कमरों के प्राइमरी स्कूल में पढ़ रहे 110 बच्चे
दो छोटे कमरों के प्राइमरी स्कूल में पढ़ रहे 110 बच्चे

जागरण संवाददाता, इटावा : कांसीराम कालोनी (टीबी हास्पिटल के पीछे) के निर्धन बच्चे सर्व शिक्षा अभियान के तहत मिलने वाली बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। दो छोटे कमरों में चल रहे प्राइमरी विद्यालय में 110 बच्चे बैठने को लाचार हैं। कमरे जर्जर हाल हैं। जगह के अभाव में जहां मिड-डे मील का खाना बनाया जाता है, वहां पर भी बच्चे बैठाने की कोशिश की जाती है तो चूल्हा जलाना मुश्किल होता है। ऐसा प्रतीत होता है जैसे शिक्षा विभाग को बड़े हादसे का इंतजार है। तभी तो विद्यालय खुलने के करीब 9 वर्षों में शिक्षा विभाग का कोई अधिकारी यहां जायजा लेने नहीं पहुंचा है। तंग हाल कमरों में ठीक से अध्ययन करना तो दूर सांस लेना भी दूभर होता है। सबसे बड़ी चिता तो यहां के शिक्षकों व अभिभावकों को रहती है। प्रधानाध्यापक प्रदीप यादव ने जिस मनायोग से बच्चों को पढ़ाने का काम किया है, उससे विद्यालय में बच्चों की संख्या बढ़ी है। कालोनी में घूमने वाले बच्चों को विद्यालय लाकर शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कबाड़ा बीनने वाले बच्चों का भविष्य सुधारने की पहल की है। बावजूद इसके शिक्षा विभाग से विद्यालय को कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। विद्यालय में तीन शिक्षक है। विद्यालय की शुरुआत तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल में वर्ष 2011 में किया गया था। विद्यालय का मामला संज्ञान में आने पर जिलाधिकारी जेबी सिंह ने बीएसए को विद्यालय का जायजा लेकर उचित व्यवस्था किए जाने के लिए निर्देशित किया है। बीएसए अजय कुमार सिंह ने बताया कि विद्यालय का निरीक्षण कर लिया गया है। बगल के दो कमरे नेडा विभाग के पास हैं। जिलाधिकारी को इसके संबंध में पत्र लिखा जा रहा है, जल्द ही उचित व्यवस्था कराई जाएगी।

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