किशोरी से दुष्कर्म में 10 साल की सजा
किशोरी को प्रेमजाल में फंसाकर गुजरात प्रांत के शहर में सूरत में ले जाकर जबरन दुष्कर्म करने के आरोपी को विशेष न्यायधीश डॉ. विजय कुमार ने दोषी माना। उसे दस साल के सश्रम कारावास तथा 60 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। इससे किशोरियों का भविष्य बर्बाद करने वालों में कानून का भय व्याप्त हुआ।
जागरण संवाददाता, इटावा : किशोरी को गुजरात प्रांत के शहर में सूरत में ले जाकर जबरन दुष्कर्म करने के आरोपी को विशेष न्यायधीश डॉ. विजय कुमार ने दोषी माना। उसे दस साल के सश्रम कारावास तथा 60 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। इससे किशोरियों का भविष्य बर्बाद करने वालों में कानून का भय व्याप्त हुआ। विशेष लोक अभियोजक (पॉस्को) दशरथ सिंह चौहान ने बताया कि थाना इकदिल में 29 सितंबर 2016 को श्रीनारायण पुत्र पदम सिंह बालमपुर के खिलाफ अभियोग दर्ज कराया गया था। कहा गया था कि 15 वर्षीय किशोरी को अपने प्रेमजाल में फंसाकर ले गया है, काफी खोजबीन के पश्चात उसका कोई पता नहीं चल रहा है। पुलिस ने तत्परता से छानबीन करके तलाश की तो किशोरी के साथ नारायण को 4 अक्टूबर 2016 को पकड़ लिया गया था। चिकित्सीय परीक्षण तथा जबरन दुष्कर्म किए जाने के बयान से नारायण पोक्सो एक्ट के अंतर्गत आ गया। किशोरी घर से शौच क्रिया के बहाने निकली थी, दोनों रेलवे स्टेशन से ट्रेन में सवार होकर गुजरात प्रांत के सूरत शहर पहुंच गए थे। नारायण को अभियोग दर्ज होने की जानकारी हुई तो गांव वापस आने पर पुलिस ने पकड़ लिया था। पुलिस ने नारायण के खिलाफ आरोपपत्र न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया। साक्ष्यों तथा किशोरी के बयान के आधार पर कड़ी सजा दिए जाने की अपील की गई। नारायण के अधिवक्ता साक्ष्यों को संदेहजनक करने में असफल रहे। विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट डॉ. विजय कुमार ने दोनों पक्षों को विस्तार से सुनने के पश्चात यह निर्णय सुनाया जिससे पीड़ित पक्ष ने राहत महसूस की।