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प्रमाण पत्र पाने को भटक रहे हैं 10 हजार लोग

जागरण संवाददाता इटावा बीते 13 दिनों से लेखपालों के आंदोलनरत होने से जनपद में करीब 10 हजार लोग आय जाति और मूल निवासी सहित अन्य कई प्रमाण पत्रों के लिए तहसीलों पर भटक रहे हैं। इसी के

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Dec 2019 10:11 PM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 06:07 AM (IST)
प्रमाण पत्र पाने को भटक रहे हैं 10 हजार लोग
प्रमाण पत्र पाने को भटक रहे हैं 10 हजार लोग

जागरण संवाददाता, इटावा : बीते 13 दिनों से लेखपालों के आंदोलनरत होने से जनपद में करीब 10 हजार लोग आय, जाति और मूल निवासी सहित अन्य कई प्रमाण पत्रों के लिए तहसीलों पर भटक रहे हैं। इसी के साथ कड़ाके की सर्दी में कंबल वितरण और ग्रामीण क्षेत्र में अलाव जलवाने का कार्य प्रभावित है। शासन लेखपालों की ओर अभी कोई ध्यान नहीं दे रहा है और न कोई वैकल्पिक व्यवस्था की है। इससे आम जनमानस परेशान है। लेखपालों के आंदोलन से शासन पर कोई फर्क पड़े या न पड़े लेकिन आम जनमानस बुरी तरह परेशान हो रही है। बीते 13 दिनों से सभी तहसील मुख्यालयों पर सन्नाटा सा पसरा हुआ, आम जनता लेखपालों के हड़ताल पर होने को लेकर मायूस होकर लौट जाती है। इसके तहत तहसील सदर में 4000, भरथना 1800, जसवंतनगर में 1500, चकरनगर में 1500, ताखा 850 तथा सैफई में 700 प्रमाणपत्र बनने को हैं लेकिन आंदोलन के चलते प्रमाणपत्र नहीं बन पा रहे हैं। दूसरी ओर 85 खतौनी बनना शेष हैं जबकि विवादों के निस्तारण के लिए व्यापक पैमाने पर नापजोख का कार्य प्रभावित है। राहत कार्य भी प्रभावित कड़ाके की सर्दी के दौरान लेखपाल ही ग्रामीण क्षेत्र में जाकर वास्तविक गरीबों को सूचीबद्ध कराकर सरकारी कंबल प्रदान कराते हैं। इसी के साथ आबादी के अनुरूप सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलवाकर लोगों को राहत प्रदान कराने में अहम भूमिका निभाते हैं। प्रशासन कानून गो से राहत कार्य कराने का दावा कर रहे हैं लेकिन धरातल पर हालात विपरीत ही नजर आ रहे हैं। 169 में 7 लेखपाल कार्यरत जनपद में इन दिनों 169 लेखपाल तैनात हैं, जिनमें 154 लेखपाल बीते 10 दिसंबर से आंदोलनरत हैं। आठ लेखपाल चिकित्सा व अन्य कारणों से अवकाश पर हैं। महज सात लेखपाल अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं। लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष राजेश यादव, मीडिया प्रभारी रामकुमार बरुआ का कहना है कि कार्य करने वाले लेखपालों को संघ से निष्कासित कर दिया गया है। जनपद में पूर्णरूपेण कार्य ठप है। लेखपालों के बजाए राजस्व निरीक्षकों द्वारा कार्य कराए जाने की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। आंदोलन से कार्य तो प्रभावित होता है फिर भी तहसील मुख्यालयों पर उपजिलाधिकारियों द्वारा आवश्यक कार्य कराए जा रहे हैं। ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव, अपर जिला अधिकारी

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