1 लाख 58 हजार लोगों को खिलाई जाएगी दवा
जागरण संवाददाता इटावा फाइलेरिया की बीमारी को असाध्य एवं जानलेवा कहा जाता है। इसके पर
जागरण संवाददाता, इटावा : फाइलेरिया की बीमारी को असाध्य एवं जानलेवा कहा जाता है। इसके परजीवी शरीर में पहुंच कर 15 साल बाद असर दिखाते हैं। हाथी पांव, अंडकोष की बीमारी इसके खास लक्षण होते हैं। समय पर इसका उपचार संभव है। इसको लेकर जिले भर में 21 दिसंबर से 8 जनवरी तक डोर-टू-डोर अभियान चलाने की स्वास्थ्य विभाग ने कार्य योजना बनाई है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एनएस तोमर ने बताया कि इस अभियान के तहत जिले में 1 लाख 58 हजार 769 लोगों को स्वास्थ्य कर्मचारी के सामने ही दवा खिलाई जाएगी। अभियान को सफल बनाने के लिए 16228 टीमों का गठन किया गया है। प्रत्येक टीम में दो सदस्य रहेंगे। इनकी निगरानी के लिए 281 सुपरवाइजर भी नियुक्त रहेंगे।आशा व आगंनवाड़ी घर-घर जाकर दवा खिलाएंगी।
इस अवसर पर प्रोग्राम अधिकारी डॉ. ज्ञान पार्थ ने बताया कि गतवर्ष 82 फीसद लोगों को दवा खिलाई गई थी जबकि 15 लोगो में बीमारी के लक्षण पाए गए थे। नोडल अधिकारी नीरज दुबे, डिप्टी सीएमओ डॉ. महेश चंद्रा, डॉ. विनोद शर्मा मौजूद रहे।
क्या है फाइलेरिया - फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला संक्रामक रोग है।
- व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है।
- फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर की सूजन हाथी पांव व हाइड्रोसील है। फाइलेरिया की रोकथाम के उपाय
- फाइलेरिया की दवा डीईसी व अल्बेन्डाजोल
- मच्छरदानी का प्रयोग करें
- अपने पास में सफाई रखें