युवा हौसले भर रहे मुस्कान के रंग
युवा चिकित्सकों के हौसले बच्चों के जीवन में मुस्कान के रंग भर रह
एटा, जागरण संवाददाता: युवा चिकित्सकों के हौसले बच्चों के जीवन में मुस्कान के रंग भर रहे हैं। सात बच्चे कटे होठ-तालू के कारण प्राकृतिक मुस्कान से महरूम थे। चार बच्चों को सीएचडी (दिल में छेद) की बीमारी थी। इनका जीवन हर बढ़ते दिन के साथ खतरे में आ रहा था। सरकार ने मुफ्त इलाज की सुविधा शुरू की, लेकिन उन्हें सरकारी इंतजामों पर भरोसा नहीं था। ऐसे में चार युवा चिकित्सक नजरिया बदलने के लिए आगे आए। अलीगढ़ और आगरा ले जाकर बच्चों के ऑपरेशन कराए। अब वह सामान्य बच्चों की तरह खिलिखला रहे हैं।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले के सभी आठ ब्लॉकों में दो-दो टीमें काम कर रही हैं। हर टीम में दो चिकित्सक तैनात किए गए हैं। मगर, शीतलपुर ब्लॉक के डॉ. रविद्र चौहान व डॉ. पंकज राठौर और सकीट ब्लॉक के डॉ. दीपक कुमार व डॉ. कमलेश यादव ने जो किया उसने लोगों का सरकारी इलाज पर भरोसा बढ़ाया है। उन्हें तमाम ऐसे गरीब परिवार मिले, जो अशिक्षित होने के कारण न तो बीमारी की गंभीरता जानते थे और न ही प्राइवेट इलाज कराने की हैसियत थी। सरकारी सेवाओं पर भी भरोसा नहीं था। ऐसे में इन चिकित्सकों ने प्रधान, सचिव से सहयोग से लोगों को जागरूक किया। भरोसा जगा तो इलाज का सिलसिला शुरू हो गया।
शीतलपुर ब्लॉक के गांव शिवसिंहपुर में प्रशांत (5), सकीट ब्लॉक के गांव फफोतू में शिवांगी (3), भगवंतपुर मेमं वेदांत (2) और मलावन में आकाश (11) सीएचडी (दिल में छेद) से पीड़ित थे। इसका इलाज काफी महंगा है। तीनों ही परिवारों की आर्थिक स्थिति यह खर्चा उठाने में सक्षम नहीं थी। ऐसे में ये युवा चिकित्सक उनके जीवनरक्षक बने। अपने साथ अलीगढ़ ले जाकर उनका ऑपरेशन कराया।
इनके अलावा दोनों ब्लॉक में क्लैफ्ट लिप एंड पैलेट (कटे होठ-तालू) के सात बच्चों के ऑपरेशन आगरा में कराए गए हैं।
और भी बच्चों को इलाज की आस
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इलाज की आस लिए कई गंभीर बीमार बच्चे कतार में हैं। शीतलपुर ब्लॉक में सीएचडी के दस बच्चे चिन्हित किए गए हैं। जिनमें से पांच की इलाज प्रक्रिया शुरू हो गई है। डॉ. रविद्र बताते हैं मुड़े पैर, सुनने में अक्षम सहित कई अन्य जटिल बीमारियों के 100 से अधिक बच्चे चिन्हित किए हैं। जिनके मुफ्त इलाज के लिए लगातार विभाग और शासन में बात की जा रही है।