सीएमएस ने सबसे पहले लगवाया टीका
जिला अस्पताल जलेसर और अलीगंज में 251 लोगों को लगी पहली डोज
जासं, एटा: एंटी कोरोना टीकाकरण का आगाज शनिवार को तीन अस्पतालों में हुआ। 254 लोगों को टीके लगाए गए। वैक्सीन की पहली डोज लगने के बाद लोगों ने यही कहा कि वैश्विक महामारी से पहली जंग जीत ली है।
जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में कोरोना टीकाकरण स्थल बनाया गया। यहां सबसे पहले टीवी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाइव प्रसारण सुबह 10.30 से 11 बजे तक दिखाया गया। इसके तुरंत बाद टीकाकरण कार्यक्रम शुरू कर दिया गया। सबसे पहले जिला अस्पताल के सीएमएस डा. राजेश अग्रवाल ने ही टीका लगवाया। 34 मिनट उन्हें आब्जर्वेशन रूम में रखने के बाद बाहर भेज दिया गया। वहां से आकर उन्होंने अपने चैंबर में सामान्य दिनों की तरह कामकाज किया। अस्पताल समय के बाद एक विभागीय मीटिग के लिए लखनऊ के लिए रवाना भी हो गए।
आला अधिकारी को सबसे पहले टीका लगवाते देख अस्पताल के चिकित्सक व कर्मचारी भी जोश से भर गए। जल्द से जल्द टीका लगवाने के लिए वेटिग रूम में पहुंचने लगे। प्रवेश पत्र देखने के बाद 10-10 लोगों को प्रवेश दिया जा रहा था। सभी चिकित्सक और कर्मचारी भी टीका लगवाने के बाद चिकित्सा संबंधी अपने-अपने कार्य करते रहे। कुल मिलाकर 76 लोगों को टीके लगे। जलेसर में 95 और अलीगंज स्थित सीएचसी पर 83 चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों ने पूरे उत्साह के साथ टीके लगवाए। जलेसर में कंप्यूटर आपरेटर संजय कुमार और अलीगंज में डा. सर्वेश कुमार को पहला टीका लगाया गया। अफसरों ने किया निरीक्षण:
टीकाकरण के शुभारंभ अवसर पर जिला अस्पताल में डीएम सुखलाल भारती, एसएसपी सुनील कुमार सिंह, सीएमओ डा. अरविद कुमार गर्ग, एसडीएम अबुल कलाम, डीआइओ डा. राम सिंह, कोविड नोडल अधिकारी डा. अशोक कुमार, डब्ल्यूएचओ की एसएमओ डा. रंजीता रानी, यूनिसेफ के डीएमएस आलोक वर्मा आदि मौजूद रहे। बाद में डीएम, एसएसपी और सीएमओ ने अलीगंज पहुंचकर निरीक्षण किया। 15 फरवरी को लगेगी दूसरी डोज:
जिन लोगों को शनिवार को पहली डोज लगाई गई, उनको दूसरी और अंतिम डोज नियत 28 दिन के अंतराल पर दी जाएगी। सभी को 15 फरवरी को फिर बुलाया गया है। डीआइओ ने बताया कि शासन से मिली सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया की वैक्सीन का प्रयोग शनिवार को किया गया है। एक लाभार्थी को दोनों डोज एक ही कंपनी की दी जानी हैं। जो स्टाक मिला है, उसमें से दूसरी डोज के लिए वैक्सीन आरक्षित रखी गई है। कुछ चिन्हित लोग शनिवार को टीका लगवाने नहीं पहुंच सके और कुछ लोगों ने मना भी किया है। इन्हें दोबारा बुलाने के लिए अभी कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं।
चिह्नित लोगों को नहीं मिले मैसेज:
व्यवस्था यह थी कि हर चिह्नित व्यक्ति के पास कोविड एप के जरिए मैसेज भेजकर टीकाकरण स्थल और समय बताया जाएगा, लेकिन अधिकांश लोगों के पास संदेश नहीं पहुंचे। कुछ लोगों को स्थानीय स्तर से काल कर दी गई तो अन्य लोग सूची में नाम की जानकारी होने पर स्वयं ही पहुंच गए। टीकाकरण के बाद अगले टीकाकरण का समय भी मैसेज भेजकर बताया जाना था, लेकिन तमाम लोगों के मोबाइल पर यह संदेश भी नहीं पहुंचा। उन्हें दिए गए कार्ड पर ही अगली तारीख बता दी गई।
बिना सुरक्षा महिला अस्पताल की कोल्डचेन:
एंटी कोरोना वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर भी सरकार बेहद गंभीर है। इसके लिए तमाम दिशा-निर्देश दिए गए हैं। सरकार के निर्देश पर ही सभी कोल्डचेन पर 24 घंटे के लिए शिफ्ट वार दो-दो पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन जिला महिला अस्पताल में दोपहर के समय कोई भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। सीएमओ कार्यालय स्थित जिलास्तरीय कोल्डचेन पर पुलिसकर्मी मुस्तैद नजर आए। बाक्स---- वैश्विक महामारी से जीत ली पहली जंग, टीका लगवाकर बोले कोरोना योद्धा: अस्पताल का मुखिया होने के नाते मैंने सोचा कि आगे बढ़कर सबसे पहले टीका मैं ही लगवाऊं, जिससे कि अन्य चिकित्सकों व कर्मचारियों के मन में किसी तरह का संशय न रहे।
- डा. राजेश कुमार अग्रवाल, सीएमएस जिला अस्पताल।
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विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के पहले ही दिन टीका लगवाना मेरे लिए काफी सुखद और गौरव की बात है। यह क्षण हमेशा यादगार रहेगा।
- डा. एस. चंद्रा, वरिष्ठ परामर्शदाता टीका लगवाने से पहले कुछ घबराहट थी, मन में कुछ चिता बनी हुई थी, लेकिन टीका लगवाने के बाद यह घबराहट पूरी तरह खत्म हो गई और चिता गलत साबित हुई।
- दुर्गेश बघेल, स्टाफ नर्स वैक्सीन काफी जांच-परख के बाद ही भेजी गई है। इसे लगवाने में हम लोगों को कोई एतराज या समस्या नहीं है। टीकाकरण के बाद सामान्य कामकाज कर रही हूं।
- शिवानी गुप्ता, एनसीडी काउंसलर हर कर्मचारी बिना किसी झिझक के पूरे उत्साह के साथ टीके लगवा रहा है। मुझे भी किसी तरह की कोई दिक्कत या परेशानी का अनुभव नहीं हुआ।
- अनुपम सक्सेना, योग विशेषज्ञ दोनों ही वैक्सीन हमारे देश में तैयार हैं, जिन पर शुरू से ही पूरा भरोसा है। निश्चित रूप से अब हम इस महामारी के खात्मे के लिए आगे बढ़ गए हैं।
- नवीन गुप्ता, फार्मासिस्ट